- स्थानीय भाषा और रहन-सहन का जानकार होने पर ही मिलेगी नौकरी
- परीक्षा में एक पेपर स्थानीय जनजातीय भाषा का होगा
- झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास लोगों को नियुक्ति में प्राथमिकता
- थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी सिर्फ स्थानीय को
- पीटी और मेन्स की जगह अब सिर्फ एक परीक्षा

रांची । झारखण्ड नियुक्ति नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट में इसके पास होते ही स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली मैट्रिक, इंटर एवं स्नातक स्तर की सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में अब केवल मुख्य परीक्षा होगी । पीटी की व्यवस्था खत्म कर दी गयी है ।
स्थाानीय भाषा का एक पेपर, जिसमें पास होना जरुरी
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं में झारखंडी जनजातीय भाषाओं के जानकार और स्थानीय रीति रिवाज से परिचित अभ्यर्थियों को ही मौके मिलेंगे । इसके लिए एक पेपर स्थानीय एवं जनजातीय भाषा का रखा गया है। इसमें पास होना जरुरी है। हालांकि मेरिट लिस्ट तैयार होने में इस पेपर के अंक नहीं जुड़ेंगे, लेकिन अगर जनजातीय भाषा में न्यूनतम पास अंक नहीं ला सके तो आपका नाम मेरिट लिस्ट में आएगा ही नहीं ।
झारखंड राज्य चयन आयोग की परीक्षाओं का पैटर्न समझिए
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग नियुक्ति के लिए दो अलग-अलग परीक्षाओं (पीटी और मेन्स) का आयोजन नहीं कर, अब एक ही परीक्षा लेगा । पहला पेपर क्वालीफाइंग होगा इसमें 30 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा, लेकिन इसके अंक मेरिट में नहीं जुड़ेंगे । वहीं पेपर दो जनजातीय क्षेत्रीय भाषा का होगा । राज्य स्तरीय नियुक्ति के लिए जो परीक्षा ली जाएगी उसमें जनजातीय क्षेत्रीय भाषा के लिए 12 भाषाएं निर्धारित की गई हैं जिसमें 30 फ़ीसदी अंक लाना होगा । वही पेपर 3 सामान्य ज्ञान का होगा, इसमें भी 30% अंक लाना होगा । यानी उम्मीदवारों को पेपर दो और पेपर 3 में अलग-अलग 30 फ़ीसदी अंक लाने होंगे, तभी वह पास होंगे । इन्हीं पेपर पेपर दो और पेपर 3 के अंक जोड़कर फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार किया जाएगा ।