धूम्रपान आपके शरीर पर एक सीधा हमला है। इस विश्व नो स्मोकिंग डे पर, धूम्रपान छोड़ने के लिए और अधिक कारण जानिए।
नो स्मोकिंग डे क्या है?
प्रत्येक वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाने वाला नो स्मोकिंग डे एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इसे छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। 1984 में यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ यह दिन आज पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
धूम्रपान कैसे आपके शरीर को प्रभावित करता है?
1. फेफड़े (Lungs)
धूम्रपान के सबसे घातक प्रभाव फेफड़ों पर पड़ते हैं। सिगरेट के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें आर्सेनिक और फॉर्मल्डिहाइड जैसे जहरीले तत्व शामिल हैं। ये फेफड़ों में टार जमा करते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), फेफड़ों का कैंसर और एम्फायसेमा जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
2. दिल (Heart)
धूम्रपान का प्रभाव सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं है। निकोटीन हृदय की धड़कन और रक्तचाप को बढ़ाकर रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। इससे दिल का दौरा, स्ट्रोक और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
3. मस्तिष्क (Brain)
धूम्रपान से मस्तिष्क पर भी गहरा असर पड़ता है। यह स्ट्रोक, ब्रेन एन्यूरिज्म और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
4. त्वचा और बुढ़ापा (Skin & Ageing)
धूम्रपान से त्वचा का ऑक्सीजन प्रवाह कम हो जाता है, जिससे चेहरे पर झुर्रियां, ढीलापन और त्वचा का रंग फीका पड़ जाता है।
5. प्रजनन क्षमता (Reproductive Health)
- पुरुषों में: धूम्रपान से स्पर्म काउंट कम होता है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है।
- महिलाओं में: यह हार्मोनल असंतुलन, गर्भधारण में कठिनाई, मिसकैरेज और प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेशन को बढ़ाता है।
6. हड्डियां और मांसपेशियां (Bones & Muscles)
निकोटीन कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डालता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
7. पाचन तंत्र (Digestive System)
धूम्रपान एसिड रिफ्लक्स, अल्सर और लिवर व पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
8. दांत और मुंह (Teeth & Oral Health)
धूम्रपान से दांत पीले, सांसों से बदबू, मसूड़ों की बीमारी और मुँह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान छोड़ने के फायदे
- 24 घंटे में: दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाता है।
- 1 साल में: फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर हो जाती है।
- 5 साल में: स्ट्रोक का खतरा नॉन-स्मोकर जितना हो जाता है।
अब वक्त आ गया है छोड़ने का!
धूम्रपान छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन यह संभव है। इस नो स्मोकिंग डे, अपने शरीर को स्वस्थ रखने का संकल्प लें।