जामताड़ा । झारखंड में भाषा के नाम पर विवाद गहराता जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “बिहारी- झारखंडी भाई-भाई” कहा था । झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरावं ने इसे झारखंड की भोली-भाली जनता के साथ छल करार दिया है। जामताड़ा पहुंचे रामेेश्वर उरावं ने कहा कि जबरदस्ती का भाई बनाने पर क्यों तुले हैं ?
संथाली और उरावं को बिहार में मान्यता दें नीतीश
रामेश्वर उरावं ने कहा कि पूर्णिया और सहरसा में बड़ी संख्या में आदिवासी रहते हैं। तो क्या नीतीश कुमार संथाली को अपने राज्य में भाषा का दर्जा देंगे? इसी तरह बेतिया और बगहा में उरावं लोग भरे पड़े हैं। तो क्या नीतीश कुमार उरावं भाषा को अपने यहां दर्जा देंगे? सिर्फ भाई-भाई कह बरगला रहे हैं नीतीश कुमार। जबकि हमलोग झारखंड का बिहारीकरण नहीं होने देंगे।
हमारी सरकार आदिवासी-मूलवासी के हित में काम करती रहेगी
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरावं ने कहा कि महागठबंधन की सरकार झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों की सरकार है । हम यहां के स्थानीय लोगों के हित में काम करते रहेंगे। भाजपा के लोग हमपर भोजपुरी-मगही के नाम पर दबाव बनाना चाहते हैं। मैं बीजेपी से बस इतना कहूँगा कि जाकर वहीं राजनीति करें, वैसे भी झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों ने भाजपा को रिजेक्ट कर दिया है।