गिरिडीह : एक ओर जिले में कोरोना महामारी का प्रकोप विकराल रूप धारण कर लिया है वंही दूसरी ओर इस बढ़ते प्रकोप के बावजूद गिरिडीह सदर अस्पताल से लापरवाही सातवें आसमान पर है। सदर अस्पताल द्वारा कोरोना से मृत मरीज के शरीर को बिना पैक किये ही श्मसान घाट भेज दी जा रही है। जिसमे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ रहा है।
हमेशा विवादों की सुर्खियों में रहने वाले सदर अस्पताल ने रविवार को भी उसी घटना को दुहरा दिया। जिस पर पिछले दिनों अस्पताल प्रबंधन की जमकर छीछालेदर हो चुकी है। रविवार को गिरिडीह सदर अस्पताल में इलाजरत एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत को हो गई। सदर अस्पताल प्रशासन ने मृतक व्यक्ति के शरीर को बिना पैक किए ही शमशान घाट भेज दिया। बिना पैक किये शव के शमशान घाट पहुंचने पर वहां अपनी जान जोखिम में डालकर शवों का दाह संस्कार कर रहे युवाओं रॉकी, नवल भी परेशान है।
कोरोना काल मे कोरोना संक्रमित मरीजों को उनके परिजन छूने से कतराते हैं। शव से दूर रहते हैं। ऐसे में उन शवों का अंतिम संस्कार अपनी जान जोखिम में डाल कर जाबांज युवा रॉकी नवल आदि कर रहे हैं। उन युवाओं ने बताया कि बिना पैक किये शव अंतिम संस्कार हेतु श्मसान घाट आने की सूचना कई बार स्वस्थ विभाग और सदर अस्पताल को दी जा चुकी है। लेकिन अब तक इसपर कोई पहल नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह बिना पैक किये शव का अंतिम संस्कार करने में उन्हें काफी कठनाईयों का सामना करना पड़ता है साथ ही संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है। लेकिन अस्पताल प्रबधन की कुम्भकर्णी नींद टूटने का नाम ही नहीं ले रही है।