छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 27 नक्सलियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ कुल्हाड़ी घाट पंचायत के भालू डिग्गी टोला के जंगलों में हुई। मारे गए नक्सलियों में 1 करोड़ का इनामी नक्सली लीडर अप्पाराव भी शामिल था।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
रविवार रात को सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि अप्पाराव अपनी टीम के साथ राशन और पानी की व्यवस्था के लिए जंगल में डेरा डाले हुए है। इसके बाद ई-30 गरियाबंद की टीम, कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 और 211 बटालियन ने तीन तरफ से जंगल को घेर लिया।
- ओडिशा बॉर्डर की ओर भागने का रास्ता बंद करने के लिए एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की टीम को तैनात किया गया।
- बस्तर की दिशा में भी फोर्स की टुकड़ी को तैनात किया गया, जिससे नक्सली पूरी तरह घिर गए।
- सुरक्षाबलों ने ट्रायंगल शेप एंबुश का इस्तेमाल किया और नक्सलियों पर हमला बोल दिया।
क्यों है कुल्हाड़ी घाट नक्सलियों के लिए अहम?
कुल्हाड़ी घाट का इलाका नक्सलियों के लिए सुरक्षित सेफ जोन माना जाता है। यह इलाका छत्तीसगढ़, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश की सीमाओं से जुड़ा हुआ है, जिससे नक्सलियों को राज्यों के बीच आवाजाही में मदद मिलती है।
अहम बातें:
- 27 नक्सलियों का सफाया: मुठभेड़ में शामिल नक्सलियों में से कई टॉप कैडर के नेता थे।
- अप्पाराव का अंत: पिछले 20 सालों से कुल्हाड़ी घाट के जंगल अप्पाराव जैसे नक्सली नेताओं के गढ़ बने हुए थे।
- तीन राज्यों का तालमेल: ऑपरेशन में छत्तीसगढ़, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश की फोर्स ने मिलकर काम किया।
- भविष्य का संदेश: यह कार्रवाई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेना की मजबूत उपस्थिति और उनके प्रभाव को खत्म करने की रणनीति को दर्शाती है।