छत्तीसगढ़ और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की रणनीतिक कार्रवाई ने नक्सलियों के हौसले पस्त कर दिए हैं। पिछले एक साल में सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति और राजनीतिक इच्छा शक्ति ने नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।
अमित शाह का रोडमैप और नवनियुक्त सरकार की इच्छाशक्ति
21 जनवरी 2024 को गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर में नक्सलवाद को खत्म करने का रोडमैप पेश किया। नई सरकार ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने में तेजी दिखाई। इसमें तीन प्रमुख बिंदु शामिल थे:
- अग्रिम सुरक्षा चौकियां स्थापित करना:
नक्सलियों के कोर इलाकों में सुरक्षा चौकियां बनाकर उनके मूवमेंट पर रोक लगाई गई। - फंडिंग रोकना:
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत ईडी ने नक्सलियों की 72 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कीं। - एनआईए की जांच और सजा:
गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत 96 मामलों की जांच चल रही है, जिनमें से 77 में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
अग्रिम चौकियां: नक्सलवाद के खात्मे की कुंजी
2019 से अब तक 290 अग्रिम सुरक्षा चौकियां स्थापित की जा चुकी हैं, जिनमें अकेले 2024 में 58 चौकियां शामिल थीं। 2025 में 88 नई चौकियां बनाने का लक्ष्य है।
- प्रभाव:
- इन चौकियों से तीन-चार किलोमीटर के दायरे में नक्सलियों की गतिविधियां पूरी तरह रुक जाती हैं।
- सरकारी योजनाएं और विकास कार्य ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रहे हैं।
नक्सली फंडिंग और ऑपरेशन पर सख्त कार्रवाई
- ईडी और एनआईए की संयुक्त कार्रवाई ने नक्सलियों की फंडिंग के प्रमुख स्रोत बंद कर दिए हैं।
- 2023 में 50 नक्सलियों के मुकाबले 2024 में 290 नक्सलियों को मारा गया।
- 2025 के शुरुआती दिनों में ही 28 नक्सली मारे जा चुके हैं।
मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का लक्ष्य
अमित शाह के रोडमैप के अनुसार, मार्च 2026 तक नक्सल प्रभाव वाले क्षेत्रों में हर तीन-चार किलोमीटर पर एक सुरक्षा चौकी स्थापित की जाएगी। इससे:
- नक्सलियों के लिए कोई सुरक्षित क्षेत्र नहीं बचेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और शांति का माहौल बनेगा।