शुक्रवार को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में अब तक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 2,376 लोग घायल हुए हैं। मलबे से और शव मिलने के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी।
भारत का ‘ऑपरेशन ब्रह्म’ राहत मिशन
भारत ने मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्म’ शुरू किया है। शनिवार सुबह भारत ने 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी, जिसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाद्य पैकेट, दवाइयां, हाइजीन किट और जनरेटर शामिल हैं। यह सामग्री भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने यंगून के मुख्यमंत्री यू सो थेइन को सौंपी।
इसके अलावा, 80 सदस्यीय NDRF टीम भी भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए रवाना हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलैंग से बात कर भारत की संवेदनाएं व्यक्त कीं और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मंडाले में फील्ड अस्पताल और नौसेना सहायता
भारत म्यांमार के सबसे प्रभावित शहर मंडाले में फील्ड अस्पताल स्थापित कर रहा है। 118 डॉक्टरों और मेडिकल विशेषज्ञों की टीम शनिवार रात रवाना होगी, जो ऑपरेशन थिएटर, एक्स-रे, डेंटल और अन्य चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
भारतीय नौसेना के चार जहाज भी राहत सामग्री लेकर रवाना हो चुके हैं। इनमें INS सतपुड़ा और INS सवित्री शामिल हैं, जो 40 टन मानवीय सहायता लेकर यंगून बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं।
वैश्विक सहायता भी जारी
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रूस: 120 बचावकर्मी और चिकित्सा विशेषज्ञ मलबे से लोगों को निकालने में मदद के लिए रवाना हुए।
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चीन: 82 सदस्यीय नई टीम बीजिंग से रवाना, युन्नान से 80 टेंट और 290 कंबल पहले ही भेजे गए।
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ताइवान: 120 सदस्यीय बचाव दल और 6 खोजी कुत्ते स्टैंडबाय पर।
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दक्षिण कोरिया: $2 मिलियन की मानवीय सहायता देने की घोषणा।
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न्यूजीलैंड: इंटरनेशनल रेड क्रॉस के जरिए सहायता भेजने की प्रतिबद्धता जताई।
स्थिति गंभीर, आपातकाल घोषित
भूकंप के चलते म्यांमार की सैन्य सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित कर दिया है। बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।