नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया को उनके चर्चित ‘BeerBiceps’ पॉडकास्ट को फिर से शुरू करने की इजाज़त दे दी है, लेकिन एक सख्त शर्त के साथ – कंटेंट में ‘शालीनता’ और ‘नैतिकता’ बनाए रखनी होगी! यह फैसला सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की बढ़ती अनियमितता को ध्यान में रखते हुए दिया गया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी व्यावसायिक उद्देश्य से कुछ भी प्रसारित कर सकता है। अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह ऑनलाइन कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए और इस पर जनता व विशेषज्ञों से राय मांगे।
रणवीर अल्लाहबादिया, जो ‘BeerBiceps’ नाम से मशहूर हैं, उनके खिलाफ अश्लील और विवादित टिप्पणियों को लेकर महाराष्ट्र, राजस्थान और असम में कई एफआईआर दर्ज की गई थीं। कोर्ट ने इससे पहले उनके पॉडकास्ट को बैन कर दिया था, लेकिन जब उनके वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने दलील दी कि “यह सिर्फ एक शो नहीं, बल्कि 200 से अधिक लोगों की रोज़ी-रोटी का सवाल है,” तब जाकर उन्हें शर्तों के साथ राहत दी गई।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी ऑनलाइन कंटेंट को लेकर चिंता जताई और कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी है, लेकिन फूहड़ता और अश्लीलता को समाज पर थोपा नहीं जा सकता।” इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को एक ऐसा ढांचा तैयार करना चाहिए जो “स्वतंत्रता और सामाजिक मर्यादा” के बीच संतुलन बनाए रखे।
हालांकि, कोर्ट ने रणवीर को सख्त चेतावनी दी है कि यदि उनके पॉडकास्ट में शालीनता और नैतिकता का उल्लंघन हुआ, तो दोबारा प्रतिबंध लगाया जा सकता है! सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भारत में सोशल मीडिया और डिजिटल कंटेंट पर नियंत्रण को लेकर बड़ी बहस को जन्म दे सकता है