MOTHER’S DAY 2023 : इस साल मदर्स डे पर करें कुछ खास, ताकि मां को भी मिल सके एक प्यारा सा एहसास
रांची ब्यूरो (RANCHI BUREAU) : भगवान हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां बनाया ! आपने यह बात या तो कहीं पढ़ी होगी या फिर किसी से सुनी होगी. बात करें इसकी सच्चाई की तो हम सब जानते हैं कि हमारे ज़िन्दगी में मां की जगह कोई नहीं ले सकता. मां न जाने कितने तरीकों से हमारी ज़िन्दगी सवारती है. छोटा बच्चा हो या जवान मां की ममता सदा रहती है. उसकी ममता में कोई छल कपट नहीं होता. मां तो गंगा की भांति पवित्र और मोक्षिणी होती है. यही कारण है कि मां के ममता को सेलिब्रेट करने के लिए एक दिन निर्धारित है.जी हाँ, हम मदर्स डे कि ही बात कर रहे हैं . मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसकी शुरुवात बाहरी देशों में हुई थी, लेकिन मां को तो हर जगह सम्मान मिलना चाहिए. इसलिए हम भारतीयों ने भी इस प्रथा को अपनाते हुए इस दिन की शुरुवात की.
कहां से जुड़ी हैं मदर्स डे की जड़ें
बात 1914 की है जब सयुंक्त राज्य अमेरिका की संसद ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के तौर पर घोषित किय था. वहीं अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वूड्रो विल्सन ने इस दिन को राष्ट्र अवकाश भी घोषित किया. लेकिन इन सब में एक नाम जो मदर्स डे के संबंध में ज़रूर जुड़ना चाहिए वो है एना ए जार्विस का. इन्होंने ने ही मां के सम्मान में इस दिन की शुरुवात की थी. यह अपनी मां से बेहद प्यार करती थी और अपने मां के निधन के बाद एना बेहद निराश हो गई और तब उससे अपनी मां की बातें याद आयी. एना की मां अन्ना रीस जार्विस किसी चर्च के संडे स्कूल में पढ़ाया करती थी, एक दिन एना भी वहां बैठ अपनी मां से मां पर ही आधारित कोई पाठ पढ़ रही थी. बच्चों को पढ़ाते समय अन्ना ने कहा कि आगे चल कर एक दिन ऐसा आएगा जब जब मां के अथक योगदान और प्यार को सम्मान और सेलिब्रेट किया जायेगा. अपनी मां की इसी बात ने एना को मदर्स डे की क्रांति के लिए प्रोत्साहित किया. एना चाहती थी कि मां कस ज़िंदा रहते ही बच्चे उनके प्यार कब सम्मान करें, जो शायद वो अपनी मां के रहते कभी नहीं कर पाई.
कैसे बनाएं इस दिन को ख़ास
मां हमेशा अपने बच्चे और परिवार की इक्छा को पूरा करने में लगी रहती है. सभी की ज़िन्दगी सवारने के दौरान वो खुद अपनी इक्छा का गाला घोंट देती है. मां की इक्छा न मारे और उसके लिए आप कुछ कर पाएं, इसके लिए मदर्स डे से अच्छा और कौनसा दिन हो सकता है. इस दिन को आप अपनी मम्मी के लिए बेहद ख़ास और यादगार बना सकते है. करना कुछ ज़्यादा नहीं है, इस दिन सिर्फ आपको अपनी मां का थोड़ा ज़्यादा ख्याल रखना है. उनकी पसंद न पसंद का ध्यान रखते हुए आप अपने हाथ से उसके लिए कुछ बना सकते हैं. या फिर बच्चे अपनी पारी जैसी मां के लिए हैंड मेड कार्ड बना सकते हैं. अगर आपकी मां गाने सूने का शौक रखती हैं तो आप उनको तोहफे में एक सा रे गा मा पा कारवां दे सकते हैं. वहीं आप अपनी मां को कोमलता का स्वरुप छोटे प्लांट्स गिफ्ट कर सकते हैं. आप चाहे तो इस दिन आप फॅमिली के साथ पिकनिक पर बाहर जा सकते हैं. आप चाहे कुछ भी करें बस इस बात का ध्यान रखें की वो दिल से हो और उसमें बहुत सारा प्यार छुपा हो, बस एक मां को और क्या चाहिए.
कुछ हठ कर रहेगा ये गिफ्ट
: मदर्स डे को और स्पेशल बनाने के लिए आप इस दिन अपनी मां को पार्लर लेजा सकते हैं. यहां आप उनका लुक मेकओवर करवा सकते हैं. ऐसे में आपकी मां को रोज़ की ज़िन्दगी से एक दिन की छुट्टी भी मिलेगा और वो अपने लुक से रिफ्रेश भी हो जाएँगी.
हेल्थ कार्ड (health card) : मां सभी की सेहत का ख्याल रखते रखते अक्सर अपनी सेहत को नज़रअंदाज कर देती है. ऐसे में हमेशा उनकी तबियत ख़राब होने ही आशंका बनी रहती हैं. और ऐसे ज़रूरी नहीं है कि आप हमेशा अपनी मां की देखभाल के लिए उनके दत्त मौजूद रहे. ऐसे में हेल्थ कार्ड उनकी सहायता करेगा. किसी भी डॉक्टर के पास जाना हो या फिर देखभाल के लिए घर पर ही नर्स का रखना, इन सभी का खर्चा आपके तरफ से दिया गया हेल्थ कार्ड उठा सकता है. किसी भी इमरजेंसी में आप रहे न रहे आपका दिया हुआ हेल्थ कार्ड आपकी मां का देखभाल ज़रूर करेगा.
योगा/जिम क्लब मेम्बरशिप (yoga/gym membership) : ये तो सभी मानते है कि एक्सरसाइज हमारे जीवन का अहम हिस्सा है. लेकिन हर रोज़ सुबह की हापा धापी में हमारी माएं इतनी बिजी हो जाती हैं की न तो उनका योगा करना मुमकिन हो पाता है और न ही मॉर्निंग वाक करना. ऐसे में आप अपनी मां को किसी भी योग क्लब का मेम्बरशिप कार्ड बनवा का दे सकते हैं. अपने समय के अनुसार वो किसी भी ग्रुप को ज्वाइन कर के आसानी से अपने फिटनेस की तरफ ध्यान दे सकती हैं.
फन एक्टिविटी (fun activity) : किसी की मां को नाचना पसंद हो सकता है तो किसी की मां को पेंटिंग करना. लेकिन वो अपने बच्चों को देख कर ही अपना मन संतोष कर लेती हैं. ऐसे आप अगर आपका ड्राइंग टीचर अनुमति दें तो आप अपने साथ अपनी मां को भी क्रिएटिव एक्टिविटी में शामिल कर सकते हैं.