रांची : ओलंपिक खेलों में इस बार भारत को अबतक की सर्वश्रेष्ठ सफलता अनायास नहीं मिली है| इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की रणनीति, तैयारी, समर्थन और प्रतिबद्धता है| राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने उन पहलों का विवरण दिया जिसकी वजह से भारत ओलंपिक में अबतक का सबसे शानदार प्रदर्शन कर सका और उज्ज्वल भविष्य की संभावनायें दिख रही हैं|
मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री बनने के साथ ही नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में टार्गेट ओलंपिक पोडियम स्कीम शुरू की, जिसे अप्रैल 2018 में संशोधित किया गया| इस स्कीम के तहत सरकार विदेशी प्रशिक्षण, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता, उपकरण और कोचिंग शिविर जैसी सुविधायें सभी संभावित खिलाड़ियों को दी जा रही हैं|
अनुराग ठाकुर ने बताया कि ओलंपिक खेलों की उन खेल विधाओं, जिनमें भारत ने पिछले एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीते या जिनमे 2024 (पेरिस) और 2028 (लॉस एंजिल्स) के आगामी ओलंपिक खेलों में भारत की पदक जीतने की प्रबल संभावना है, पर ध्यान देने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए खेल विधाओं की उच्च प्राथमिकता श्रेणी बनाई गई है| इस समय 9 खेल विधायें उच्च प्राथमिकता के रूप में वर्गीकृत की गयी हैं, जिनमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, हॉकी, निशानेबाजी, टेनिस, भारोत्तोलन, कुश्ती, तीरंदाजी और मुक्केबाजी शामिल है|
इसके अलावा खेल संघों को प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए पर्याप्त फंड दिया जा रहा है| खेलों इण्डिया स्कीम के तहत लगभग 3000 युवा खिलाड़ियों को निरंतर सहायता दी जा रही है| उत्कृष्ट खिलाड़ियों की उपलब्धियों को मान्यता देने, उन्हें और बड़ी उपलब्धियों के लिए प्रोत्साहित करने और युवा पीढ़ी को खेलों के प्रति आकर्षित करने के लिए प्रेरक रोल मॉडल के रूप में कार्य करने के लिए इन खिलाड़ियों को अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है| इनमें अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में विजेताओं और उनके कोचों को विशेष नकद पुरस्कार, मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खिलाड़ी कल्याण कोष, राष्ट्रीय खेल पुरस्कार आदि शामिल हैं|