
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केन्द्र की मोदी सरकार ने निजीकरण और प्राइवेटाइडेशन की नीति के खिलाफ जन आंदोलन करेगी। पार्टी के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 24 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने उद्योग संघ के परिचर्चा में एक बात कही थी कि सरकार इस देश में इंटरप्राइज की भूमिका में नहीं रहेगी। सरकार मॉनेटाइजेशन और मॉडर्नाइजेशन की भूमिका में आएगी। उसी वक्त देश के अर्थशास्त्रियों ने आसंका जताई थी। उनकी ये आशंका कल सच साबित हुई जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए देश की सभी संपत्ति जैसे राज्यमार्ग, रेल, उर्जा, पावर, वेयर हाउसेज, नेचुरल गैस पाइपलाइन, कोयला, सभी तरह के खनन, एविएशन, एयरपोर्ट, बंदरगाह, रेलवे के स्टेडियम, लाखों एकड़ सरकारी रेसिडेंशियल लैंड और अर्बन रियल स्टेट की नीलामी की बोली लगा दी।
एक-एक कर सभी सरकारी चीजों को बेच रही है मोदी सरकार
इस देश का 27 प्रतिशत राजमार्ग अब पूंजीपतियों के हवाले हो गया। अब इन राजमार्ग पर प्राइवेट कंपनियां अपनी मर्जी से टोल टैक्स लगाएगी, उनकी इजाजत से ही अब आप उन सड़कों पर चल सकेंगे। इस देश में 400 रेलवे स्टेशन हैं, अब उनको बेचने की तैयारी है. इससे पहले ही उन्होने 15 बड़े एयरपोर्ट को बेच ही दिया था, अब 25 और एयरपोर्ट को बेचने की बात कर रहे हैं. अब वे 90 यात्री ट्रेन बेच देंगे, 1400 किलोमीटर रेलवे पटरी बेच देंगे, 265 गुड शेड्स बेच देंगे। जो मालवाहक ट्रेनों के लिए डेडिकेटेड ट्रैक बनाए हैं, उनको भी बेच देंगे। 27 हजार 600 लंबे रेलवे ट्रैक बेच देंगे। मतलब साफ है कि इस देश का कोई भी सरकारी उपक्रम, अब इस देश का नहीं रहेगा।
“ये देश नहीं बिकने दूंगा” कहने वाले पीएम बताएं कि अब बिकने को बचा क्या है ?
हमें आश्चर्य नहीं होगा कि रात को जब हम सोयेंगे तो झारखण्ड राज्य में सोएंगे और जब सुबह उठेंगे तो पता चलेगा कि अब हम अडाणी’खण्ड’ में उठेंगे। ये नये जमाने की गुलामी है। पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे, अब हमें उद्योगपतियों की गुलामी करेंगे। 2014 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि रेलवे मेरा पहला प्यार है क्योंकि मेरी जिंदगी रेलवे प्लेटफॉर्म पर शुरु हुई। अब प्रधानमंत्री बताएं कि क्या कोई अपने पहले प्यार का भी सौदा करता है क्या ?
भाजपा जैसा ही आचरण बीजेडी सरकार का
ओडिशा के राजगांगपुर में जिंदल और ओसीएल का प्लांट लगने वाला है. इससे पहले भी वहां लाखों आदिवासी परिवारों को उजाड़ दिया गया। जब वहां के लोगों ने इस अन्याय का विरोध किया, जब वहां के लोगों ने झामुमो के नेतृत्व में विरोध शुरु किया तो हमारी ओडिशा के प्रदेश अध्यक्ष अंजली सोरेन जी को राउरकेला के रेसिडेंसी-इन होटल में हाउस अरेस्ट कर लिया गया। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो किसी भी कीमत पर आदिवासियों की लड़ाई नहीं छोड़ेगी। अब झामुमो का केन्द्रीय नेतृत्व भी उस आंदोलन में शामिल होगा. चंपई सोरेन भी वहां जाएंगे और अगर जरुरत पड़ी तो हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन भी उस आंदोलन में शरीक होंगे।