मुंबई: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि आधुनिकीकरण विकास के लिए आवश्यक है, लेकिन पश्चिमीकरण, जो भारतीय समाज की मूलभूत संस्कृति और मूल्यों को कमजोर करता है, उससे सतर्क रहना चाहिए।
गडकरी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा:
“हम प्रगति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम समाज के पश्चिमीकरण के खिलाफ हैं।”
मूल्य प्रणाली का महत्व
उन्होंने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज और अहिल्याबाई होलकर जैसे महापुरुषों की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं, क्योंकि उनके विचार मजबूत नैतिक मूल्यों पर आधारित थे।
“समय बदल सकता है, लेकिन मूल्य व्यवस्था नहीं बदलती,” गडकरी ने कहा।
🇬🇧 ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए चेताया
गडकरी ने एक यात्रा का अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने एक ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भारत की सबसे बड़ी समस्या के बारे में बात की।
“मैंने उन्हें बताया कि गरीबी, कुपोषण, बेरोज़गारी, अशिक्षा और अंधविश्वास जैसी समस्याएं जनसंख्या वृद्धि की मुख्य वजह हैं।”
जब गडकरी ने उन्हीं से यही सवाल किया तो ब्रिटिश पीएम ने बताया कि वहां की सबसे बड़ी समस्या यह है कि युवाओं में विवाह की रुचि नहीं रही, और वे लिव-इन रिलेशनशिप को प्राथमिकता दे रहे हैं।
विकास बनाम सामाजिक गिरावट
गडकरी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, जलापूर्ति, संचार और आईटी जैसे क्षेत्रों में पश्चिम ने भले ही बड़ी प्रगति की हो, लेकिन सामाजिक जीवन कमजोर हो गया है।
“उनका सामाजिक ढांचा बिखर रहा है,” उन्होंने कहा।
अहिल्याबाई होलकर की प्रशंसा
गडकरी ने अहिल्याबाई होलकर की सराहना करते हुए कहा कि वे सामाजिक न्याय, निष्पक्षता और आत्मनिर्भरता की प्रतीक थीं।
उनका दृष्टिकोण बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटन को प्रोत्साहित करने का था, जो भारतीय मूल्यों पर आधारित विकास की मिसाल है।