
झारखंड में मनरेगा को सोशल ऑडिट के दौरान बड़े पैमाने पर पैसों की गड़बड़ी की बातें सामने आई हैं। झारखंड का शायद ही कोई ऐसा जिला हो, जहां मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी नहीं की गई। अफसरों और उनके दलालों ने गरीबों के पैसों का बंदरबांट कर लिया । सबसे ज्यादा 6.37 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी पलामू जिले में हुई है । दूसरे स्थान पर गढ़वा जिला है. यहां 5.93 करोड़ का हिसाब किताब नहीं मिला है ।
किस जिले में कितनी गड़बड़ी
सबसे बड़ी बात है कि राज्य सरकार खुद सोशल ऑडिट के आंकड़ो से इत्तेफाक रखते हुए कह रही है कि मनरेगा में 51.29 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी की गई । सबसे ज्यादा 6.37 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी पलामू जिले में हुई है । दूसरे स्थान पर गढ़वा जिला है । यहां 5.93 करोड़ का हिसाब किताब नहीं मिला है । इसके बाद रामगढ़ में 4.93, गिरिडीह में 4.03, पश्चिमी सिंहभूम में 3.13 और गोड्डा में 2.88 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी हुई है । रांची में भी अधिकारियों, कर्मियों और सप्लायर की मिलीभगत से 2.17 करोड़ की गड़बड़ी हुई।
खुलासे के बाद रिकवरी की कवायद

ऑडिट में 51.29 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी के खुलासे के बाद रिकवरी की कवायद जरूर शुरू हुई, लेकिन शायद दिखावे भर के लिए । इसी का नतीजा है कि अबतक सिर्फ 1.3 करोड़ ही रिकवर हो पाया है । सबसे ज्यादा गढ़वा में 78.19 लाख, हजारीबाग में 22.98 लाख, गुमला में 10.49 लाख और रांची में 9.65 लाख रिकवर हो पाया है ।

