
चांडिल डैम से प्रभावित विस्थापितों के अनुदान भुगतान हेतु राशि उपलब्ध का मांग किया
सरायकेला। चांडिल डैम में विस्थापितो की समस्या के निदान के लिए बुधवार को ईचागढ़ के विधायक सविता महतो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में मुलाकात की।
इस दौरान विधायक ने मुख्यमंत्री से कहा
(1) चांडिल बाँध के पूर्ण एवं आंशिक रूप से 116 गाँवों का भू – अर्जन को वर्ष 2001 तक सम्पन्न किया चुका है परन्तु पुर्नवास की समस्या ज्यों – कि – त्यों बनी हुई है। अतः कुल -116 गाँवों का ही पुर्नवास सुविधायें मुहैया कराने,
(2)भू – अर्जन के सम्पूर्ण पुर्नवास की व्यवस्था समकालीन किया जाना था जो अभी तक लंबित है। पुर्नवास नीति का अक्षरशः पालन सुनिश्ति किया जाने,
(3) आईडीटीआर से औद्योगिक प्रशिक्षण का प्राप्त 300 युवक युवतियों को दिया जा चुका है उन्हें वरीयता के अनुसार औद्योगिक प्रतिष्ठान में नियुक्त करने की व्यवस्था की जाय क्योंकि परियोजना का पानी औद्योगिक संस्थान व्यवहार में ला रहे है।
(4)पुर्नवास स्थल पर सम्पूर्ण सुविधायें एवं सौदीकरण की व्यवस्था की जाय ताकि रिक्त भू – खण्ड पर विस्थापितों को बसाया जा सके जो पूर्व से बसे हुए है उन स्थलों की जाँच कराकर उन्हें वासगत पर्चा निर्गत करने,
(5)डूब क्षेत्र में जो सरकारी कामकाज बन्द पड़े हुए है उसे चालू करने हेतु संबंधित जिला पदाधिकारी को अपने स्तर से निदेश देने,
(6)जल संसाधन विभाग द्वारा विकास पुस्तिका की मान्यता मार्च , 2022 तक निर्धारित है , जबकि चांडिल बाँध से प्रभावित विस्थापित परिवारों का पूर्ण पुर्नवास सुविधा मुहैया करानी अभी तक शेष है। उन्होंने विकास पुस्तिका की भी अवधि विस्तार मार्च 2028 तक करने का मांग किया।
(7)पुर्नवास नीति के तहत् सुवर्णरखा परियोजना के अन्तर्गत लगभग 700 परिवार के विस्थापित सदस्यों को नियोजन दिय है जबकि जबकि पुनरीक्षित पुनरीक्षित पुर्नवास नीति में वर्णि प्रावधानानुसार प्रत्येक परिवार के योग्य व्यक्ति को नियोज किया जाना था। डब्ल्यू पी एस संख्या -3097 / 2001 में पारित आदेश आलोक में परियोजना स्तर पर नियोजन के पूर्व वरीयता सूद वर्ष 2003 का प्रकाशन हो चुका है परन्तु परियोजना / विभाग के शिथिलता के कारण नियोजन की कार्रवाई आजतक लंबित है।

रोजगार के आभाव में डूब क्षेत्र के विस्थापित इधर – उधर भटक रहे है। परियोजना स्तर पर रिक्त पदों पर विस्थापित परिवारों के योग्य सदस्य के नियोजन की कार्रवाई ली जाय साथ ही जिला स्तर पर नियोजन में विस्थापित परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता के आधार पर आरक्षण का लाभ देते हुए बहाल करने की कार्रवाई करने का मांग किया।
उक्त मांगों पर विधायक ने मुख्यमंत्री से जनहित एवं लोक हित को देखते हुए पुनर्विचार करने का मांग किया साथ ही विस्थापितों को पुनर्वास की सुविधा पूर्ण रूप से नहीं मिलने तक चांडिल डैम का जल भंडारण की क्षमता 180 मीटर तक ही सीमित रखने संबंधी आदेश विभागीय अधिकारियों को देने को कहा। मौके पर केंद्रीय सदस्य काबलु महतो उपस्थित थे।