पेशावर: उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के बन्नू सैन्य छावनी में मंगलवार को हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जिसमें चार बच्चे भी शामिल हैं, जबकि 30 लोग घायल हुए हैं। सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कम से कम छह आतंकवादियों को मार गिराया।
हमलावरों ने विस्फोटकों से भरे दो वाहनों को बन्नू छावनी की सीमा दीवार से टकरा दिया। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित इस छावनी पर सूर्यास्त के समय किया गया।
इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर से जुड़े एक कम ज्ञात संगठन जैश अल फुरसान ने ली है, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कई गुटों में से एक है।
बन्नू जिला मुख्यालय अस्पताल (DHQ) के प्रवक्ता डॉ. नूमन ने पुष्टि की कि विस्फोट में 12 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें चार बच्चे और दो महिलाएं शामिल थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों और अस्पताल सूत्रों के अनुसार, धमाकों से आसपास की कई इमारतों को नुकसान पहुंचा, और छावनी की सीमा से सटे एक मस्जिद का मलबा भी धमाके की चपेट में आ गया।
सुरक्षा एजेंसियों ने हमले के बाद तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी। छावनी की दीवार टूटने के बाद आतंकवादियों ने अंदर घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने छह हमलावरों को मार गिराया और बाकी को घेर लिया।
सेना ने सभी प्रमुख मार्गों को सील कर दिया है और विस्फोट स्थल तक किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, जब तक सभी आतंकवादी समाप्त नहीं हो जाते, तब तक खोज और सफाई अभियान जारी रहेगा।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए घटना की रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, “रमजान के पवित्र महीने में इस तरह की घटनाएं अत्यंत निंदनीय और दुखद हैं।”
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2025 में पाकिस्तान में आतंकी हमलों में 42% की वृद्धि देखी गई थी। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने देशभर में 74 आतंकवादी हमले हुए, जिनमें 91 लोग मारे गए और 117 घायल हुए थे।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां 27 हमले हुए, जिससे 19 लोगों की मौत हुई। वहीं, बलूचिस्तान आतंकवाद से प्रभावित दूसरा सबसे बड़ा प्रांत बना।