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सिमरिया/गीतांजलि:-लावालौंग प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर मंगरदाहा नदी पर किए जा रहे कंस्ट्रक्शन कार्य को उग्रवादियों नें बंद करवा दिया है।और पुल के निर्माण में लगाए गए मशीनों को भी आग लगा दी।वैसे संवेदक चंदन कुमार सिंह के अनुसार मशीनों में ज्यादातर लोहा होने के कारण आग से ज्यादा क्षति नहीं हुई है फिर भी मिक्सर मशीन के जनरेट, टायर के साथ साथ ट्रैक्टर एवं पानी टैंकर के सभी टायरों को आग लगाकर उग्रवादियों नें क्षतिग्रस्त कर दिया है।घटना स्थल पर पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के नाम का परचा भी मिला है।जिसमें उग्रवादियों नें जिसमें पुल पुलिया निर्माण कार्य करके संगठन को लेवी नहीं पहुंचाने के एवज में फौजी कारवाई करने की बात लिखी गई है।साथ ही लिखा गया है कि बिना आदेश कार्य करने पर किसी भी प्रकार के जान माल की क्षति होने पर मुन्सी व ठिकेदार जिम्मेवार होंगे।
उक्त विषय के संदर्भ में संवेदक नें बताया कि एक सप्ताह पूर्व मुझे पीएलएफआई के नाम से किसी व्यक्ति नें फोन करके लेवी की बात की थी।लेवी के रकम को उसनें रिमी पंचायत के झिरनियां जंगल में लेकर आने की बात कही थी इसपर मैंने जंगल में जाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद भी मैंने कार्य को प्रारंभ रखा जिसके बाद उग्रवादियों नें इस घटना को अंजाम दे दिया।
ज्ञात हो कि मंगरदाहा नदी पर पुल का निर्माण हो जाने से लातेहार जिला का संपर्क लावालौंग प्रखंड के साथ जुड़ जाता।वर्षा के दिनों में लातेहार जिला के हेरनहोप्पा,दकादेरी जैसे दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट जाता है।जबकि साप्ताहिक बाजार एवं रोजमर्रा की आवश्यकता वाले चीजों के लिए लावालौंग प्रखंड के ऊपर ही इन गाँवों के लोग निर्भर रहते हैं।
उक्त घटना की अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के प्रदेश सचिव संजय कुमार सिंह नें घोर निंदा करते हुए कहा है कि प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर उग्रवादियों के द्वारा किए गए इस प्रकार के वारदात क्षेत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।अगर शीघ्र ही प्रशासन के द्वारा इस घटना का उद्भेदन नहीं किया जाता है तो आए दिन एक बार फिर से पुरा प्रखंड उग्रवादी गतिविधियों का दंष झेलने को मजबूर होगा।फोटो:-1 उग्रवादियों द्वारा जलाया गया जेनरेटर 2 जेएलटी द्वारा फेंका गया परचा।