रियाद, सऊदी अरब: सऊदी अरब के बेकर्स और रसोइए इस गर्मी में भयंकर तापमान झेल रहे हैं। बेकरी में काम करने वाले ईद अहमद, जो 13 घंटे प्रतिदिन ओवन के पास काम करते हैं, बताते हैं कि बाहर की गर्मी तो 45°C से ऊपर है, लेकिन अंदर ओवन के पास काम करना “जैसे नर्क” जैसा है।
काम का कठिनाई स्तर:
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अहमद को मास्क और हेयर कैप पहनकर काम करना पड़ता है।
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ओवन और बेकरी के दरवाजे के बीच फंसकर, वह भीतर की आग और बाहर की गर्म हवा दोनों से परेशान हैं।
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वह कहते हैं, “दोपहर तक मैं पूरी तरह थक जाता हूँ और कम से कम 30 मिनट के लिए लेटना पड़ता है”।
सऊदी नियम और वास्तविकता:
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मध्य जून से मध्य सितंबर तक प्रत्यक्ष धूप में काम करने पर प्रतिबंध।
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लेकिन इन नियमों का प्रभाव उन कर्मचारियों पर नहीं होता जो इंडोर गर्मी के स्रोतों के पास काम करते हैं, जैसे ओवन, ग्रिल और भाप वाले बर्तन।
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मानवाधिकार संगठन Human Rights Watch ने जून में कहा कि यह प्रोटेक्शन पर्याप्त नहीं है।
स्वास्थ्य जोखिम:
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हैती एक्सॉर्शन और अत्यधिक पसीना से गंभीर डिहाइड्रेशन का खतरा।
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कार्बन इंस्टीट्यूट के करीम एलजेंडी का कहना: “40°C धूप में एक घंटा बिताना, 200°C ओवन के सामने एक घंटे के बराबर है।”
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कर्मचारियों को बार-बार ब्रेक लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन व्यस्त रेस्टोरेंट और बेकरी में यह मुश्किल है।
अनुभव:
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हनी अल-दुइसी, 26 वर्षीय यमनी, एक ग्रिल्ड चिकन शॉप में काम करते हैं, जहां तीन कर्मचारी भरी रसोई में गर्म स्टोव और बड़े बर्तन संभालते हैं।
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वह कहते हैं, “अगर आप 10 एयर कंडीशनर भी चालू करें, तो रसोई ठंडी नहीं होगी”, और ग्राहक कभी-कभी ऑर्डर में देरी की शिकायत कर देते हैं।
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उनका अनुभव: “बाहर के लोग एक दुनिया में रहते हैं, और हम एक नर्क जैसी दुनिया में”।
सारांश:
सऊदी अरब में गर्मियों में इंडोर और आउटडोर दोनों श्रमिकों को जोखिम है। ओवन, ग्रिल और भाप वाले बर्तन के पास काम करने वाले कर्मचारियों को हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और थकान का खतरा रहता है।

