श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक पहलगाम के बैसरण घास के मैदान में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए और दर्जनों घायल हुए थे, के बाद बुलाई गई थी।
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकियों पर बताई जा रही है, जिनके स्केच और वांटेड पोस्टर जारी कर दिए गए हैं। पुलिस ने 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
एलजी सिन्हा ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार, डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, और 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव के साथ बैठक में कहा:
“जो कोई भी इस कायरतापूर्ण और भयावह हमले में शामिल है, वह कहीं भी छुपा हो – उसे खोजकर सजा दी जाए। आतंकवाद और उसके नेटवर्क को जड़ से खत्म करना होगा।”
सेना की रणनीति और सीमा पर स्थिति
बैठक में आतंक के इकोसिस्टम को नष्ट करने, सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय, और लघु एवं दीर्घकालिक सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा हुई। सेना प्रमुख ने क्षेत्रीय कमांडरों से मिलकर खोज अभियानों और खुफिया जानकारी की समीक्षा करने की योजना बनाई है।
इस बीच, पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन किसी हताहत की सूचना नहीं मिली है।
भारत की कड़ी चेतावनी
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सभी द्विपक्षीय संपर्क तोड़ दिए हैं, और सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया गया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है – भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।