
पश्चिम बंगाल चुनाव के तीसरे चरण का मतदान खत्म होते-होते कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन ने पूरी तरह हथियार डाल दिया है । CPM ने जहां अपने समर्थकों से BJP को वोट करने की अपील की है, वहीं कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि अगर ममता बनर्जी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो हम उन्हें सपोर्ट करेंगे।
बंगाल कांग्रेस को नहीं मिला पार्टी आलाकमान का समर्थन
बंगाल में CPM-Congress मुख्य विपक्षी दल हैं। कायदे से 10 साल से सत्ता में काबिज ममता बनर्जी के खिलाफ इन दोनों पार्टियों को मुखर होना था । लेकिन गांधी परिवार ने बंगाल कांग्रेस को अनाथ छोड़ दिया। कहीं बीजेपी सत्ता में न आ जाए, इस डर से राहुल-प्रियंका और सोनिया गांधी बंगाल में चुनाव प्रचार तक करने नहीं आए। उधर CPM के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने ऑडियो जारी कर लेफ्ट समर्थकों से अपील की है कि
“जहां CPM कैंडिडेट नहीं जीत सकते हैं, वहां ममता को हराने के लिए BJP को वोट दें”
इससे तो बेहतर होता कि चुनाव ही नहीं लड़ते
एक कांग्रेस उम्मीदवार ने यहां तक कहा कि हम जनता के बीच क्या कहें ? इससे तो बेहतर होता कि कांग्रेस चुनाव ही नहीं लड़ती । अगर हम पूरी ताकत से लड़ते तो लेफ्ट-कांग्रेस को 60-70 सीटें आसानी से आ जाती । हम BJP को भी नुकसान पहुंचाते और तृणमूल कांग्रेस को भी। लेकिन यहां तो जंग में उतरने से पहले ही सरेंडर की स्थिति है। पता नहीं कांग्रेस का क्या होगा?
अब तृणमूल-बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला
बंगाल के वरिष्ठ पत्रकार और एक न्यूज़ चैनल के एडिटर शिशिर घोष बताते हैं कि बीजेपी बंगाल में कभी भी इतनी बड़ी शक्ति नहीं बन पाती अगर लेफ्ट-कांग्रेस ने पूरी तरह सरेंडर नहीं किया होता । वे जमीनी हकीकत समझाते हुए कहते हैं कि आज बीजेपी को समर्थन करने वालों में वही लोग ज्यादा हैं, जो कभी कांग्रेसी या वामपंथी हुआ करते थे । CPM-Congress ने चुनाव से पहले सरेंडर कर बीजेपी को नहीं, बल्कि तृणमूल कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है ।