राजधानी रांची के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज झा की नृशंस हत्या से राजधानी में तरह-तरह की चर्चाएं होती रही । रांची बार एसोसिएशन ने तो बकायदा बैठक कर इस हत्याकांड की निंदा की , फिर सारे वकील सड़कों पर उतर गए । अधिवक्ता मनोज झा की हत्या के विरोध में रांची के वकील मंगलवार को न्यायिक कार्यों से दूर रहे ।

आखिर कब तक बेमौत मारे जाते रहेंगे अधिवक्ता ?
झारखंड बार काउंसिल के बैनर तले वकीलों ने बार एसोसिएशन से अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च निकाला। इससे पहले एसोसिएशन के कार्यालय में सभी की एक बैठक हुई। इसमें झारखंड बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि राज्य में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो ऐसे ही बेमौत अधिवक्ता मारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी के केस की पैरवी करना अधिवक्ताओं का पेशा है।
हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा, हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग
अधिवक्ता मनोज झा की हत्या को लेकर झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है। एसोसिएशन ने अधिवक्ता के हत्या की निंदा करते हुए इस मामले की जांच की निगरानी हाईकोर्ट के जज से कराने की मांग है। पत्र में कहा है कि इस तरह की घटना से अधिवक्ता सदमे हैं। उनकी सुरक्षा सरकार की जिम्मेवारी है।
SSP से भी मिले एसोसिएशन के लोग
मनोज झा हत्याकांड सहित अधिवक्ताओं की सुरक्षा के मुद्दे पर झारखण्ड बार एसोसिएशन के लोग रांची एसएसपी से भी मिले । उन्होंने पूछा कि आकिर अधिवक्ताओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी । एसोसिएशन ने एसएसपी को बताया कि जिस तरह सरेशाम मनोज झा की हत्या की गई है, इससे वकीलों में डर का महौल है। इस तरह के माहौल में तो वकीलों के लिए राह चलना मुश्किल हो जाएगा ?