झारखंड में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तब से राज्य में अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ गया है। क्या आम क्या खास सभी का जीना मुहाल हो गया है। राज्य निर्माण के बाद से ऐसी बदहाल विधि व्यवस्था कभी नहीं रही। ये बातें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही ।
नॉर्थ-ईस्ट के उग्रवाद प्रभावित जिलों से झारखंड की तुलना
उन्होने कहा कि पहली बार न्यायपालिका को अपराधी निशाना बना रहे हैं। धनबाद में जज उत्तम आनंद के साथ जो कुछ हुआ वो गहरे संदेह पैदा करता है। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद तो यह मामला काफी गंभीर हो गया है। इस घटना से ठीक एक दिन पहले तमाड़ में अधिवक्ता मनोज झा की हत्या कर दी गयी थी। न्यायालय की यह टिप्पणी कि जब नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में उग्रवाद चरम पर था तब भी न्यायपालिका को टारगेट नहीं किया गया था। न्यायालय की यह टिप्पणी राज्य की विधि व्यवस्था को बताने के लिए काफी है। इसकी वजह है कि राज्य में एक अक्षम नेतृत्व है जो विधि व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल है।
राजधानी में जमीन दलालों का तांडव
सुरक्षा की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण राजधानी रांची में अमूमन हर दिन हत्याएं हो रही है। जमीन माफियाओं का बोलबाला हो गया है। जब से महागठबंधन की सरकार बनी है अपराधियों व उग्रवादियों का तांडव पूरे प्रदेश में काफी बढ़ गया है। जज उत्तम आनंद, अधिवक्ता मनोज झा के साथ दारोगा रूपा तिर्की, सिदो कान्हू के वंशज रघुनाथ मुर्मू सहित कई मौतें राज्य की बदहाल विधि व्यवस्था की स्थिति बता रही है। इस सरकार के बनने के साथ ही चाईबासा में सात आदिवासियों की हत्या कर दी गयी थी। उग्रवाद रातों रात पूरे राज्य में फैल गया। राजभवन की दीवार तक पर पोस्टर चिपका दिया जाता है।
पिछले डेढ़ साल में कानून व्यवस्था का बंटाधार कर दिया
रघुवर दास ने कहा कि भाजपा सरकार में लोग रातों में सफर करते थे। उग्रवाद लगभग समाप्त होने की कगार पर था। हेमंत सोरेन सरकार के बनते ही नक्सलियों के भय से रात में आवागमन बंद हो गया। आज के समाचार पत्र हत्या, बलात्कार, डकैती जैसी घटनाओं से भरे रहते हैं। यह सरकार सिर्फ वसूली अभियान में लगी है जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है।