भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा का एक उच्च स्तरीय जांच दल लातेहार के गारू पहुंचा । जांच दल ने घटनास्थल की जांच की और पीड़ित ब्रह्मदेव के परिवार से मुलाकात की । ब्रह्मदेव सिंह की झारखंड जगुआर के जवानों के द्वारा गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई थी।
घटनास्थल पर जाकर घटना की विस्तृत जानकारी लेने के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मोर्चा अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ने कहा कि यह घटना नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की घटना नहीं थी, बल्कि यह फर्जी मुठभेड़ थी। पुलिस सुरक्षा बल द्वारा जानबूझकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। ग्रामीण नक्सली नहीं थे बल्कि निरीह मासूम लोग थे।
शिवशंकर उरावं ने कहा कि ग्रामीण सरहुल त्योहार के एक दिन पहले परंपरागत प्रथा के अनुरूप जंगल की ओर शिकार खेलने जा रहे थे। उन भुक्तभोगी ग्रामीणों के द्वारा हाथ उठाकर चिल्लाकर स्वयं को ग्रामीण बताने के बाद भी उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई। मृतक ब्रह्मदेव सिंह खरवार पहली व दूसरी गोली जांघ और कमर में लगी थी, उससे वह घायल होकर गिर गया था, परंतु जीवित था । सुरक्षाकर्मियों के द्वारा उन्हें टांग कर नाला के उस पार जंगल में ले जाकर कनपटी में सटाकर तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई ।
मृतक की पत्नी उसकी मां और बहन के साथ – साथ गांव के कुछ लोग घायल पड़े ब्राह्मण देव को देखा था । जब नजदीक गए तो उन्हें भी बंदूक राइफल का डर दिखा कर के भगा दिया गया। तब जंगल में ले जाकर के उसकी हत्या कर दी है। मृतक की मां बहन और पत्नी ने गोली चलने पर घर से बाहर आंगन में खड़े होकर चिल्ला चिल्लाकर मिन्नतें की, परंतु उनकी एक न सुनी गई।
झारखंड सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन पुलिस महकमा और पदाधिकारी कर्मचारी अब तक किसी भी प्रकार का कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया ,बल्कि घटना की लीपापोती करने का प्रयास कर रही है । भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा झारखंड प्रदेश का जांच दल की मांग है कि उक्त घटना की गंभीरता पूर्वक एवं कठोरता पूर्वक सुरक्षा बल के अधिकारी झारखंड जगुआर के जवानों पर न्यायिक कार्यवाही हो उन्हें सजा मिले । पीड़ित परिवार मृतक के परिवार को समुचित मुआवजा ₹20 लाख तत्काल दी जाए । मृतक की पत्नी जीरामणि देवी को जो इंटर पास है तथा मृतक का 1 वर्ष का पुत्र है, उसके भरण-पोषण के लिए एक सरकारी नौकरी दी जाए।
पीड़ित परिवार को प्रशासन के द्वारा डराया धमकाया जा रहा है, इसलिए पीड़ित परिवार के द्वारा फर्जी मुठभेड़ करने वालों पर एफ आई आर दर्ज कराने की व्यवस्था करे। उक्त गांव की फेक एनकाउंटर घटना की जांच तथा समुचित न्याय के लिए मोर्चा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से आग्रह करेगी। ग्रामीणों मासूमों आदिवासी जनजातियों के मानवाधिकार की सुरक्षा हेतु राज्य एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी आग्रह किया जाएगा।