रामभक्ति का सजीव उदाहरण, इस कदर निर्जीव हो जाएगा! शायद किसी ने ऐसा सोचा नहीं था । रामभक्ति के वशीभूत होकर, जिसने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया । जिसने राम के प्रति अपनी श्रद्धा के चलते, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया, वो थे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ।
![राम मंदिर के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले कल्याण बोले ‘गोली ना चलाने पर गर्व’](http://localhost:8090/ud/wp-content/uploads/2021/08/kjvjlfdhiicsi-300x242.jpg)
यूपी में नकल रोकने के कानून ने बनाया “Bold Adminstrator”
कल्याण सिंह 1991 में यूपी में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे । मुख्यमंत्री भी ऐसे, जिन्होंने पहली बार परीक्षा में नकल को रोकने के लिए नकल अध्यादेश तक जारी किया । बोर्ड परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने वालों को जेल भेजने के इस कानून ने कल्याण सिंह को बोल्ड एडमिनिस्ट्रेटर बना दिया। यूपी में किताब रख के चीटिंग करने वालों के लिए ये कानून काल बन गया ।
राम मंदिर आंदोलन के लिए कभी अफसोस नहीं जताया, सदा गर्व करते रहे
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में, 425 में से 221 सीटें लेकर आने वाली कल्याण सिंह सरकार ने अपनी कुर्बानी दे दी । कल्याण सिंह ने अयोध्या में हुए दंगों की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद छोड़ दिया । इतना ही नहीं, उन्होंने इसके लिए सजा भी काटी और वो हिंदू हृदय सम्राट बन गए । वो दिन और आज का दिन, कल्याण सिंह आज तक बीजेपी पार्टी व पूरे देश में अपनी रामभक्ति के लिए जाने जाते हैं ।