झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य के 24 में से 19 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं और राज्य में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों की कमी है । लिहाजा वर्ष 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में चयनित अधिकारियों में से दस आईपीएस झारखंड को दिये जायें।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि राज्य में भारतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारियों की कमी को देखते हुए सिविल सेवा परीक्षा, 2020 के माध्यम से चयनित भारतीय पुलिस सेवा के दस अधिकारियों का आवंटन झारखंड राज्य संवर्ग में किया जाये। केन्द्रीय गृह मंत्रालय से इस संबन्ध में अनुरोध करने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज अपना अनुमोदन दिया।
झारखंड राज्य में आईपीएस अधिकारी के स्वीकृत संवर्ग बल 149 के विरुद्ध मात्र 113 अधिकारी ही उपलब्ध हैं जिनमें से 93 पदाधिकारी सीधी भर्ती के तथा 20 प्रोन्नति से नियुक्त हैं।