शिवमोग्गा (कर्नाटक): कर्नाटक के शिवमोग्गा सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी के पेट से मोबाइल फोन निकाला गया है। यह चौंकाने वाली घटना तब सामने आई जब 30 वर्षीय कैदी दौलत उर्फ गुंडा को पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया।
23 जून को, दौलत ने जेल डॉक्टर को पेट दर्द की शिकायत की और झूठ बोला कि उसने पत्थर निगल लिया है। लेकिन 24 जून को जब उसकी हालत बिगड़ गई, तब उसे McGANN टीचिंग डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लाया गया। यहां अल्ट्रासाउंड में डॉक्टरों को उसके पेट में एक वस्तु दिखाई दी।
जेल अधीक्षक डॉ. पी रंगनाथ के निर्देश पर डॉक्टरों की टीम ने 27 जून को सर्जरी की और दौलत के पेट से एक की-पैड मोबाइल फोन सफलतापूर्वक निकाल लिया। इससे उसकी जान बच गई।
डॉ. टीडी थिम्मप्पा, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, ने बताया:
“कैदी को 24 जून को पेट दर्द के कारण अस्पताल लाया गया था। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि उसके पेट में कोई वस्तु फंसी है। 27 जून को डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी की और एक बेसिक मोबाइल फोन निकाला। उसे कुछ दिन ICU में रखा गया और फिर 8 जुलाई को डिस्चार्ज किया गया।”
📜 पृष्ठभूमि:
दौलत 2021 में तुंगा नगर पुलिस द्वारा पकड़े गए गांजा तस्करी रैकेट में आरोपी था। 2024 में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई और वह शिवमोग्गा सेंट्रल जेल में बंद है।
👮♂️ जांच शुरू:
अब सवाल उठ रहा है कि मोबाइल फोन जेल में कैदी के पेट तक कैसे पहुंचा। इस संबंध में तुंगनगर पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है।
शिवमोग्गा एसपी मितुन कुमार ने कहा:
“कैदी के पेट से मोबाइल फोन मिलने की घटना की जांच चल रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि मोबाइल कैसे अंदर गया।”