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चंपाई के इस्तीफे के बाद कोल्हान में झामुमो की खोज: कौन होगा चंपाई सोरेन का विकल्प?

चंपाई के इस्तीफे के बाद कोल्हान में झामुमो की खोज: कौन होगा चंपाई सोरेन का विकल्प?

झारखंड में राजनीतिक हलचलें तेजी से बढ़ रही हैं। हाल ही में दिल्ली से लौटे चंपाई सोरेन ने अचानक झामुमो के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी की स्थिति को लेकर चिंताओं ने जन्म ले लिया है। चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद झामुमो अब कोल्हान क्षेत्र में एक मजबूत विकल्प की तलाश में जुट गई है, लेकिन सवाल यह है कि कौन होगा चंपाई का सही प्रतिस्थापन?

चंपाई का विकल्प कौन हो सकता है?

  1. रामदास सोरेन: घाटशिला के वर्तमान विधायक रामदास सोरेन इस लिस्ट में प्रमुख नाम हैं। चंपाई सोरेन की तरह, रामदास भी संथाली आदिवासी समुदाय से आते हैं, जो संथाल वोटरों के बीच उनकी पकड़ को मजबूत कर सकता है। चंपाई के भाजपा में शामिल होने से हुए नुक्सान की भरपाई के लिए रामदास एक संभावित विकल्प हो सकते हैं।
  2. दीपक बिरुआ: राज्य के परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ भी झामुमो के विकल्पों में शामिल हैं। दीपक बिरुआ लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और कोल्हान में “हो” समुदाय के प्रमुख नेता हैं। आदिवासी मूलवासी अधिकारों के लिए उनका संघर्ष उन्हें आदिवासियों में एक मजबूत स्थिति प्रदान करता है।
  3. दशरथ गागराई: खरसांवा विधायक दशरथ गागराई भी चंपाई का संभावित विकल्प हो सकते हैं। हालांकि दीपक बिरुआ को पहले ही मंत्रिमंडल में जगह मिल चुकी है, दशरथ गागराई “हो” समुदाय के बड़े चेहरे के रूप में उभर सकते हैं और पूर्व सांसद गीता कोड़ा के वोट बैंक को भी साध सकते हैं।
  4. जोबा मांझी: सिंहभूम लोकसभा सीट से सांसद जोबा मांझी भी विकल्पों में शामिल हैं। हेमंत सोरेन के विश्वासपात्र और पूर्व मंत्री जोबा मांझी ने जेएमएम को कठिन समय में संजीवनी दी थी। उनकी भूमिका विधानसभा चुनावों में रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण हो सकती है।

राजनीतिक परिदृश्य

झामुमो की चुनौती अब यह है कि वह किस चेहरे को कोल्हान में उतारे ताकि भाजपा के बढ़ते प्रभाव को चुनौती दी जा सके। चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद पार्टी की रणनीति और अगले कदम पर नजरें टिकी हैं। विधानसभा चुनाव की नजदीकियों को देखते हुए, पार्टी को एक ऐसा चेहरा चाहिए जो न केवल क्षेत्रीय मुद्दों को संभाल सके, बल्कि पार्टी की स्थिति को भी मजबूत कर सके।

झामुमो की ओर से इस स्थिति पर अभी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी की आंतरिक चर्चा और आगामी निर्णय से यह तय होगा कि कौन होगा चंपाई सोरेन का उपयुक्त विकल्प।

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