केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने गिरिडीह में पत्रकार सम्मेलन में बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी जन आशीर्वाद यात्रा रोकने के लिए सरकारी स्तर पर साजिशें रची गईं । उन्होने आरोप लगाया कि प्रशासन के स्तर पर हमें सहयोग नहीं मिला, खासकर कुछ जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता को जन आसीर्वाद यात्रा में शामिल होने से रोकने की कोशिश हुई। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हुए। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि मौजूदा राज्य सरकार के खिलाफ आम लोगों में गुस्सा किस तेजी से बढ़ रहा है ।
#JanAshirwadYatra के क्रम में महसूस हुआ कि झारखण्ड की गठबंधन सरकार में #भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से घबराहट है,यात्रा में बाधा डालने की कोशिश भी हुई। लेकिन,जनता के रुझान ने बताया कि इस सरकार से लोग निराश हो चुके हैं,पछता रहे हैं।@BJP4India@JPNadda@BJP4Jharkhand@BJP4Giridih
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि जन आसीर्वाद यात्रा के दौरान सत्तारुढ़ गठबंधन द्वारा हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया। कुछ जगहों पर झामुमो-कांग्रेस के लोगों ने पोस्टर और बैनर भी फाड़ डाले। प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर भी हमारे कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने की कोशिश की। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा को देखकर सरकार घबरा गई है । उन्होंने कहा कि यात्रा को जो समर्थन मिला है, वह बताने को काफी है कि राज्य सरकार से जनता त्रस्त है ।
हेमंत सरकार के पास विकास का कोई रोडमैप नहीं
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राज्य में जो सरकार बैठी है वो बाहरी-भीतरी, आदिवासी-गैर-आदिवासी, सदान- गैर सदान आदि के नाम पर भ्रम फैला सकती है, लेकिन ये लोग विकास का काम नहीं कर सकते। इन्हे कोई काम करना ही नहीं है । इनके पास न जनता के विकास के लिए कोई रोडमैप है, न ही कोई विजन । बस कोयला लूटो, बालू खोदो, पत्थर बेच डालो…इसी नीति पर ये लोग चल रहे हैं। इसके अलावा ये कुछ और करने की सोचते भी नहीं ।
तीन दिनों तक चली जन आशीर्वाद यात्रा
अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि 16 से 19 अगस्त तक जन आशीर्वाद यात्रा के क्रम में 7 जिलों में करीब 450 किलोमीटर की यात्रा हुई. इस दौरान दौरान न्यूनतम 200 स्थानों पर जनसभाएं एवं कार्यक्रम हुए । उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान हमें जो भी फिडबैक मिला, या जो रेस्पॉन्स मिला उसकी एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर केन्द्रीय नेतृत्व को सौंपा जाएगा ।