उज्ज्वल दुनिया, हजारीबाग(संदीप सिन्हा)। कोरोना काल में विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के कुलपति प्रोफेसर डॉ मुकुल नारायण देव ने विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है।
यह जानकारी देते हुए विभावि के पीआरओ डॉ प्रमोद कुमार ने देते हुए बताया कि इससे विद्यार्थी अनावश्यक परेशानी से बच सकेंगे। उनका वक्त भी बचेगा और पैसे की भी बचत होगी।
कुलपति के इस महत्वपूर्ण निर्णय के आलोक में विद्यार्थी अपना डिग्री, प्रोविजनल प्रमाण पत्र, डुप्लीकेट अंक पत्र एवं माइग्रेशन अब ऑनलाइन ले पाएंगे।
इस प्रावधान को लागू करने वाला झारखंड का पहला विश्वविद्यालय विनोबा भावे विश्वविद्यालय होगा, जहां एक साथ चार-चार दस्तावेज ऑनलाइन से उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके अलावा उन सभी दस्तावेज जिसकी आवश्यकता विद्यार्थियों को होगी, उन्हें विश्वविद्यालय के पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
पंजीकरण होने के बाद संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज आएगा और ओटीपी प्राप्त होते ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
पोर्टल पर अलग-अलग पैनल उपलब्ध रहेंगे और अपनी जरूरत के अनुसार पैनल पर क्लिक कर डिग्री अथवा अन्य कागजात निकाल सकेंगे।
पंजीकरण के बाद लॉगिन करना होगा। जिस दस्तावेज के लिए आवेदन करेंगे, वह पोर्टल खुल जाएगा। पोर्टल पर मांगी गई सभी जानकारियां अपलोड करनी होंगी।
उसके पश्चात शुल्क जमा कर आवेदन फॉर्म की कॉपी ली जा सकेगी। फिर वांछित दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी यथाशीघ्र आवेदक को भेज दी जाएगी।
वहीं मूल प्रति स्पीड पोस्ट से भेजी जाएगी। इसकी टेकिंग आईडी से आवेदक प्रमाण पत्र की स्थिति की जानकारी ले सकेंगे।