a
Crisis on Jharkhand IAS झारखंड में साइबर अपराधियों ने आइएएस अफसरों की नींद हराम कर रखी है। उनके नाम और तस्वीर से फर्जी वाटसएप बनाकर लोगों को ठगने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उधर जिला प्रशासन फर्जी फर्जी कहकर लोगों को अलर्ट कराने में परेशान है।
रांची, डिजिटल डेस्क। Jharkhand IAS Fake WhatsApp झारखंड का जामताड़ा साइबर अपराधियों का गढ़ है। देश भर में ठगी के मामले यहीं से अंजाम दिए जाते हैं। यहां के साइबर अपराधियों तक झारखंड पुलिस की पहुंच आसान नहीं है। हां, कभी कभार कुछ अपराधी जरूर पकड़ लिए जाते हैं। आम लोगों के बैंक अकाउंट से रुपये उड़ाने वाले इन साइबर अपराधियों के निशाने पर अब झारखंड के नौकरशाह भी आ गए हैं। इनके नए-नए हथकंडों में यहां के कई आइएएस भी फंस चुके हैं। अब ताजा मामला चतरा जिले के उपायुक्त अबु इमरान का सामने आया है।
चतरा डीसी ने नाम से फर्जी वाट्सएप अकाउंट
चतरा के उपायुक्त अबु इमरान के नाम पर फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर साइबर अपराधी भ्रम फैला रहे हैं। इसका खुलासा जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय ने किया है। सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय ने आधिकारिक वाट्सएप ग्रुप में कहा है कि प्रायः ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ असामाजिक तत्व इंटरनेट मीडिया पर किसी अन्य के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों के बीच भ्रम, अफवाह या ब्लैकमेलिंग कर अपने निजी हितों की पूर्ति कर रहे हैं। ऐसा ही मामला उपायुक्त का सामने आया है। उपायुक्त के नाम पर 7431864738 नंबर से वाटसएप अकाउंट बनाया गया है। इस अकउंट की डीपी पर उपायुक्त का फोटो लगा हुआ है। जिला प्रशासन आमजनों को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की अपील करता है। साथ ही अगर कोई इस नंबर से लोगों को मैसेज करता है, तो झांसे या बहकावे में नहीं आएं। अविलंब इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें, ताकि कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा सके।
धनबाद व साहिबगंज के उपायुक्त भी शिकार
मालूम हो कि झारखंड में इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह के नाम पर दो बार फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर भ्रम फैलाया जा चुका है। इस पर उपायुक्त संदीप सिंह को बयान तक जारी करना पड़ा था। यही नहीं उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी लोगों को सचेत किया था। यह घटना लगभग एक माह पहले की है।
इसी तरह झारखंड के साहिबगंज जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव का भी साइबर अपराधियों ने फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया था। हैरानी की बात यह है कि इन सभी मामलों में अबतक एक भी साइबर अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि साइबर अपराधियों को पकड़ने की रफ्तार कैसी है।
रामगढ़ उपायुक्त का भी बना फर्जी व्हाट्सएप
मालूम हो कि झारखंड के रामगढ़ जिले की उपायुक्त माधवी मिश्रा भी साइबर अपराध का शिकार हो चुकी हैं। साइबर अपराधी ने 8638020833 नंबर से उपायुक्त रामगढ़ के नाम से फर्जी वाटसएप अकाउंट बना लिया है। अब भी लोगों को गुमराह कर रहा है। जिला प्रशासन की ओर से अपील जारी की गई है कि इस नंबर से किसी भी मैसेज अथवा फोन आने पर कोई भी प्रतिक्रिया ना दें। जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है। लेकिन अब तक अपराधी पकड़ से बाहर है। मालूम हो कि छठवीं बार साइबर अपराधियों ने इस तरह का फर्जी वाटसएप अकाउंट बनाया है।
Copyright © 2022 Jagran Prakashan Limited.