
बाबूलाल मरांडी ने मीडिया के सामने कहा कि 19 माह में झारखण्ड के लोग महागठबंधन सरकार से निराश हैं। इसके साथ ही बाबूलाल ने कुछ लोगों को भाजपा में शामिल कराया। मुझे नहीं मालूम कि वो कौन लोग थे, लेकिन बाबूलाल मरांडी ने उन्हें झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का बता दिया। कल जिन लोगों को भाजपा में शामिल किया गया उनको गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के हमारे जिलाध्यक्षों ने लिखकर दिया कि वो लोग किसी भी रूप में झामुमो से संबंधित नहीं थे।
बाबूलाल मरांडी ने खुद का मजाक बना लिया है- सुप्रियो भट्टाचार्य
बाबूलाल मरांडी फ्रस्टेशन में आकर जिस तरह की हरकतें कर रहे हैं उससे उन्होने खुद का मजाक बना लिया है। जिसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाए, वही इस प्रकार की बातें कर सकता है। झामुमो का एक भी कार्यकर्ता भाजपा के झांसे में आने वाला नहीं है और कोई उनको गुमराह भी नहीं कर सकता।
रघुवर दास की सरकार में 11 मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई, हमारी सरकार में एक भी नहीं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के साथ मॉब लिंचिंग की घटनाएं होती हैं। इसी झारखण्ड में जब भाजपा की सरकार थी तो 11 मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं। लेकिन पिछले दो सालों में यहां सामाजिक सॉहार्द के कारण एक भी मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई है। झारखंड सरकार इस तरह की घटनाओं से सख्ती से निपटने के लिए दृढ़ता से काम करेगी। जल्द ही राज्य सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाफ ठोस कानून लेकर आएगी ।
जनता का गुस्सा देख डराने-धमकाने पर उतर आई है भाजपा
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले 10 माह में पूरे देश में जिस तरह किसान आंदोलन चल रहा है, और जिस तरह भाजपा का प्रशासनिक अधिकारी किसानों का सिर फोड़ने की बात कर रहा है। जिस प्रकार मध्य प्रदेश में रोजाना अल्पसंख्यक समुदाय की मॉब लिंचिंग हो रही है, जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में भयावह स्थिति है, उससे भाजपा बौखला गई है। अब वो जनता को डराने-धमकाने पर उतर आई है।
देश की बोली लगाने वाली भारत सरकार एचईसी को क्यों बचाएगी
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एचईसी भारत सरकार का उपक्रम है। राज्य सरकार का इसमें बहुत ज्यादा दखल नहीं है। अब जिस केन्द्र सरकार ने पूरे देश की सार्वजनिक ईकाइयों को बेचने का निर्णय ले लिया है, वो एचईसी के क्यों बचाएगी। भारत सरकार का इंटरेस्ट सिर्फ एचईसी की जमीन पर रह गया है। वे एक-एक कर एचईसी जमीन बेच-बेच कर अपनी जेब भरेंगे और इस बीच एचईसी बंद होने के कगार पर पहुंच गया। फिर भी राज्य सरकार ने केन्द्र से मांग की है कि एचईसी में जो मजदूर काम कर रहे हैं, उनके समक्ष भूखमरी की स्थिति आ जाएगी।

