Jharkhand: 244 बसों से रांची के यातायात को सुधारने की शुरुआत, झारखंड कैबिनेट ने दिखायी हरी झंडी, 605 करोड़ मंजूर | Ujjwal Duniya

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक 44 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गयी। कैबिनेट ने रांची में यातायात सुविधा को बेहतर बनाने के लिए 605.45 करोड़ की लागत से 244 सिटी बसों की खरीद को स्वीकृति दे दी है। इन बसों में नॉन एसी की 220 और एसी इलेक्ट्रिक बस 24 होंगी। नयी योजना के तहत रांची नगर निगम अभी के निर्धारित रूटों के अतिरिक्त नये रूटों पर भी बसों का परिचालन करेगा ताकि यात्रियों के यात्रा करने में सुविधा हो सके। इसके लिये 13 नये रूट निर्धारित किये गये हैं। इतना ही नहीं, नये रूटों के साथ दूरी के हिसाब से बसों का किराया भी तय कर दिया गया है।

सरकार के घाटे का और पब्लिक के फायदे का प्रोजेक्ट

कैबिनिट की बैठक में विभागीय प्रस्तावों के मुताबिक बसों के परिचालन के लिए 13 रूट तय किये गये हैं। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए 200 नए बस स्टॉप बनाए जाएंगे। प्रत्येक बस प्रतिदिन 174 किमी की दूरी तय करेगी। बसों के परिचालन में कुल सकल लागत 62 रुपये प्रति किमी होगी। जबकि कुल राजस्व संग्रह 44.08 है। इस प्रकार प्रति किमी 17.03 रुपये का घाटा होने की संभावना है। ऐसे में अगले 10 वर्षों में 247 करोड़ रुपये के घाटा का आकलन किया गया है।

बसों के लिए किराया प्रस्तावित

कैबिनेट में बसों के लिए किराये का भी प्रस्ताव किया गया है। 2 किमी तक के लिए पांच रुपये, दो से पांच किमी तक के लिए 10 रुपये, पांच से 10 किमी तक के लिए 15 रुपये और 10 किमी से अधिक होने पर 20 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके साथ यह भी प्रस्ताव किया गया है कि प्रत्येक दो वर्ष में 11 प्रतिशत किराया वृद्धि की जायेगी।

शहर में बसों को बढ़ाने के पीछे उद्देश्य प्रदूषण कम करना

राजधानी रांची में बढ़ते वाहनों के कारण प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और जाम की समस्या काफी बढ़ गयी है। भारी ट्रैफिक के कारण समय की बर्बादी भी होती है। रांची नगर निगम का यह प्रोजेक्ट इसी समस्या से निदान के लिए लाया गया है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है। इसी को ध्यान में रखकर 244 सिटी बसों को रांची में उतार कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया गया है। यह ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने में सहायक होगी।

रांची के लोग भी कर सकेंगे इलेक्ट्रिक बसों की सवारी

रांची की ‘ग्रीन रांची क्लीन रांची’ की परिकल्पना को साकार करना है तो ऐसे प्रोजेक्ट लाने ही होंगे जिससे की सड़कों पर से वाहनों की संख्या को कम किया जा सके। वाहन कम करने का तात्पर्य यह नहीं है कि लोगों को वाहन चलाने से रोक दिया जाये। बल्कि इसका तात्पर्य यह है कि पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को इतना सशक्त कर दिया जाये कि निजी वाहन रहते हुए भी लोग पब्लिक ट्रांस्पोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल करें। उनके पास जो निजी वाहन है, उन्हें आवश्यकता या एमर्जेंसी में इस्तेमाल करें। खैर, इसके लिए व्यापक योजना की जरूरत है। लेकिन रांची नगर निगम ने फिलहाल जो योजना बनायी है इसमें जो भी नयी बसें वह चलायेगा, उसमें कई इलेक्ट्रिक बसें होंगी। जिनसे प्रदूषण नहीं फैलता। उम्मीद है 244 में से 24 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदारी निगम करेगा। शहरवासियों को नया अनुभव तो होगा ही, प्रदूषण पर भी कुछ नियंत्रण लग पायेगा।

%d bloggers like this: