कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस में एक बार फिर बौखलाहट देखने को मिल रही है। दरअसल, 2019 में राहुल गांधी द्वारा एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सरनेम’ पर दिये गये विवादित बयान पर सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी माना है और दो साल की सजा सुनायी है। इसके बाद देशभर में कांग्रेस का प्रदर्शन और कांग्रेसी नेताओं की बयानबाजियां शुरू हो गयी हैं। इस मुद्दे को लेकर देशभर में जो हो रहा है उसका असर झारखंड तक पहुंच गया है। इसकी धमक झारखंड के बजट सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में भी सुनाई दी। झारखंड विधानसभा में खूब हो-हंगामा हुआ। पूरे बजट सत्र में विपक्षी विधायकों ने हो-हंगामा किया जबकि आज सत्ता पक्ष के विधायक सदन में हंगामा किया। सत्ता पक्ष के विधायक बेल में आकर केन्द्र सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेस के विधायक अपना आपा खो बैठे और उन्होंने कह दिया कि लोकतंत्र में भाजपा के इशारे पर बोलने की स्वतंत्रता का गला घोंटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर सूरत कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
राहुल गांधी को कितनी सुनायी गयी सजा, क्या जायेगी सदस्यता?
सूरत कोर्ट ने भारतीय दंड विधान की धारा 499 के तहत आपराधिक राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है। दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद अब उनकी संसद सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा है। बता दें, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान का है। कर्नाटक की एक जनसभा में राहुल गांधी ने कहा था कि कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है? अपने बयान में भगौड़ा नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार की एक सभा में राहुल गांधी ने ऐसी बात कही थी। राहुल गांधी के इस बयान से नाराज सूरत से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने उन पर मानहानि का केस दर्ज कराया था। जिस पर सूरत कोर्ट ने आज फैसला दिया है। हालांकि पूर्णेश मोदी ने निचली अदालत की सुनवाई की सुस्त गति यह मामला हाईकोर्ट ले गये थे, लेकिन हाई कोर्ट ने सूरत ट्रायल कोर्ट को तेज सुनवाई का आदेश देते हुए मामला निचली अदालत में भेज दिया था।