जम्मू: किश्तवाड़ जिले के मचैल माता मंदिर के रास्ते में स्थित चासोटी क्षेत्र में गुरुवार को अचानक बादल फटने और फ्लैश फ्लड्स के चलते कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो CISF जवान भी शामिल हैं, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
यह हादसा दोपहर लगभग 12:30 बजे हुआ, जब श्रद्धालु मचैल माता मंदिर के लंगर में भोजन कर रहे थे। अचानक तेज आवाज के साथ पानी की प्रचंड लहर ने क्षेत्र को झकझोर दिया।
घायलों की स्थिति और राहत कार्य:
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लगभग 160 लोग घायल हुए हैं। उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अठोली पद्दार और जिला अस्पताल किश्तवाड़ में स्थानांतरित किया गया।
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PGI चंडीगढ़ की विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम सरकारी मेडिकल कॉलेज जम्मू पहुंची, ताकि सघन चिकित्सा सुविधा और देखभाल बढ़ाई जा सके।
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RDSF, NDRF, पुलिस, सिविल प्रशासन और स्थानीय NGOs राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:
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लंगर में सैकड़ों श्रद्धालु भोजन कर रहे थे, कुछ लोग अपने वाहनों में आराम कर रहे थे।
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कई वाहन और मंदिर के पास कुछ घर फ्लैश फ्लड्स में बह गए।
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चासोटी गांव तक वाहन पहुंच सकते हैं, उसके आगे श्रद्धालु लगभग 10 किलोमीटर पैदल मचैल मंदिर की यात्रा करते हैं।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया:
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, J&K LG मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और राहत कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए।
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अन्य केंद्रीय और राज्य मंत्री, स्थानीय प्रतिनिधि और धर्मगुरु भी प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त कर चुके हैं।
जिल्ला प्रशासन का बयान:
पंकज कुमार शर्मा, डिप्टी कमिश्नर किश्तवाड़, ने कहा, “खोए हुए लोगों की तलाश के लिए खोज अभियान जारी है, लेकिन स्थिति बेहद गंभीर है।”
निष्कर्ष:
किश्तवाड़ में मचैल माता मंदिर के रास्ते पर हुई यह प्राकृतिक आपदा श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए विनाशकारी साबित हुई है। प्रशासन, सेना और राहत एजेंसियां प्रभावित लोगों की मदद और खोज अभियान में पूरी ताकत लगा रही हैं।

