रोहतक (हरियाणा): राजस्थान के चूरू में बुधवार सुबह हुए भारतीय वायुसेना के जगुआर फाइटर जेट हादसे में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर लोकेन्द्र सिंधु हाल ही में पिता बने थे। एक महीने पहले ही उनके घर बेटे का जन्म हुआ था। हादसे से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अपने भाई से वीडियो कॉल पर बात की थी।
परिजनों को इस अपूरणीय क्षति पर विश्वास नहीं हो रहा है। शहीद की अंतिम यात्रा के लिए रोहतक की देव कॉलोनी में तैयारी की जा रही है, जहां लोग बड़ी संख्या में शोक प्रकट करने पहुंचे हैं। इस हादसे में फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह भी शहीद हुए थे।
जन्म की खुशी, शोक में बदली
लोकेन्द्र के दादा बलवान सिंह ने बताया कि परिवार में बेटे के जन्म को लेकर खुशी का माहौल था। उनका बेटा 10 जून को पैदा हुआ था, लेकिन किसे पता था कि एक महीने बाद ऐसा दुखद समाचार मिलेगा।
भाई से आखिरी बातचीत
शहीद के भाई ज्ञानेंद्र ने बताया कि उन्होंने बुधवार सुबह 10:30 बजे लोकेन्द्र से वीडियो कॉल पर बात की थी। “रात को भी बात हुई थी, भतीजी का जन्मदिन था। पूरा परिवार साथ मना रहा था,” उन्होंने कहा।
ज्ञानेंद्र ने बताया कि इस दुखद खबर की पुष्टि उनके बहनोई, जो नासिक में विंग कमांडर हैं, ने की।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
परिजनों ने बताया कि गुरुवार शाम को लोकेन्द्र सिंधु का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है, लेकिन परिवार को अपने बेटे की शहादत पर गर्व भी है।
आखिरी क्षणों तक बचाई सैकड़ों जानें
शहीद के भाई ने कहा कि लोकेन्द्र ने दुर्घटना के समय विमान को आबादी से दूर ले जाकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई। “इससे पहले भी लोकेन्द्र उड़ान के दौरान खतरे से बाहर आ चुके थे। वह हमेशा गांव वालों को बचाने की सोचते थे,” उन्होंने कहा।
ज्ञानेंद्र ने यह भी बताया कि जगुआर विमान में तकनीकी खामी है। “जब विमान 500 फीट से नीचे आता है तो वह नियंत्रण खो देता है,” उन्होंने बताया।