इस्तांबुल: अमेरिका और रूस के प्रतिनिधिमंडलों ने गुरुवार को इस्तांबुल में मुलाकात की ताकि दोनों देशों के दूतावासों के कामकाज को सामान्य बनाने की दिशा में बातचीत की जा सके। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब मॉस्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद दूतावासों में स्टाफ की भारी कटौती कर दी गई थी।
यह बैठक दूसरी बार आयोजित की जा रही है और इसमें कोई राजनीतिक या सुरक्षा संबंधी मुद्दा एजेंडे में शामिल नहीं है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, “हमारी बातचीत पूरी तरह से तकनीकी स्तर पर केंद्रित है—हम केवल यह देख रहे हैं कि कैसे हमारे दूतावास बेहतर ढंग से कार्य कर सकें।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यूक्रेन पर कोई चर्चा नहीं होगी।
बैठक की पृष्ठभूमि:
यह बातचीत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद रूस को बेहतर संबंधों का प्रस्ताव दिए जाने के बाद हो रही है। ट्रंप ने संकेत दिया था कि अगर रूस यूक्रेन में संघर्ष को कम करता है, तो अमेरिका संबंध सुधारने को तैयार है।
रूसी पक्ष का रुख:
रूस के अमेरिका में दूत अलेक्जेंडर दारचियेव ने कहा कि बैठक का उद्देश्य “पिछली अमेरिकी सरकार की विरासत के ज़हरीले प्रभाव” को खत्म करना है, जिसने रूसी मिशनों की गतिविधियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे।
बातचीत के मुद्दे:
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दूतावासों में स्टाफिंग की बहाली
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राजनयिक संपत्तियों की वापसी (जैसे कि अमेरिका में जब्त किए गए रूसी समर हाउस)
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मिशनों के संचालन को सुचारु बनाना
पृष्ठभूमि तनाव:
यूक्रेन युद्ध के बाद से अमेरिका और रूस के रिश्ते कोल्ड वॉर के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच फिर से वार्ता शुरू हुई है—चाहे वो संघर्ष विराम पर हो, व्यापारिक संबंधों पर हो या तकनीकी सहयोग को लेकर।
समाप्ति:
बैठक के कई घंटे चलने की उम्मीद है, और भले ही यह एक सीमित एजेंडा हो, लेकिन इसे राजनयिक संबंधों की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

