जेरूसलम:
इज़राइल ने शनिवार को दावा किया कि उसने ईरान में अपने अभूतपूर्व हवाई हमलों के दौरान ईरान के तीन शीर्ष सैन्य कमांडरों को मार गिराया है। इनमें क़ोम शहर में स्थित हमास के साथ समन्वय करने वाले वरिष्ठ अधिकारी सईद इज़ादी भी शामिल हैं।
इज़राइली वायुसेना ने कहा कि उसने ईरान के नाभिकीय और सैन्य ठिकानों पर लगातार हमले किए हैं, जिससे तेहरान की परमाणु बम बनाने की योजना को दो से तीन साल तक टाल दिया गया है।
विदेश मंत्री गिदेओन सार ने जर्मन अखबार Bild को दिए एक साक्षात्कार में कहा:
“हम हर संभव प्रयास करेंगे ताकि इस खतरे को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।”
🔥 हमले की शुरुआत और प्रतिक्रिया:
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13 जून को इज़राइल ने ईरान पर अपने हवाई हमले शुरू किए, यह आशंका जताते हुए कि तेहरान परमाणु हथियार विकसित करने के बेहद करीब है – जिसे ईरान खारिज करता रहा है।
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इस्फ़हान स्थित परमाणु केंद्र और मिसाइल भंडारण एवं प्रक्षेपण स्थलों को बार-बार निशाना बनाया गया।
🇺🇸 अमेरिकी प्रतिक्रिया:
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि ईरान के पास अमेरिकी हवाई हमलों से बचने के लिए अधिकतम दो सप्ताह हैं। उन्होंने कहा:
“अगर कोई जीत रहा है, तो उसे रोकना थोड़ा मुश्किल होता है।”
🤝 यूरोपीय मध्यस्थता विफल:
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ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्रियों ने जिनेवा में ईरानी मंत्री अब्बास अराघची से मुलाकात की और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया।
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लेकिन अराघची ने NBC न्यूज़ से कहा:
“जब तक हम पर हमले जारी रहेंगे, हम अमेरिका से कोई बातचीत नहीं करेंगे।”
💥 हमलों की स्थिति:
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ईरान के अनुसार: इज़राइली हमलों में कम से कम 350 लोग मारे गए, जिनमें सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक शामिल हैं।
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NGO रिपोर्ट: 657 लोगों की मौत, जिनमें 263 नागरिक भी हैं।
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इज़राइल के अनुसार: ईरान के जवाबी हमलों में अब तक 25 लोगों की मौत, 450 से अधिक मिसाइलें और 400 ड्रोन दागे जा चुके हैं।
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हाइफ़ा के अस्पताल ने 19 घायल दर्ज किए हैं, जिनमें एक की हालत गंभीर है।
⚠️ परमाणु कार्यक्रम और वैश्विक चिंता:
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IAEA के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा कि ईरान बिना परमाणु हथियार वाला एकमात्र देश है जो 60% तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है।
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हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के लिए सभी जरूरी तत्व नहीं हैं।
🌍 कूटनीतिक हलचल:
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ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा:
“यह संघर्ष एक बेहद ख़तरनाक मोड़ पर है। हमें क्षेत्रीय युद्ध टालना बेहद ज़रूरी है।”
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अराघची शनिवार को इस्तांबुल पहुंचे, जहां इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में ईरान-इज़राइल संघर्ष पर चर्चा होनी है।