जेरूसलम:
इज़राइल ने शनिवार को पुष्टि की कि उसने ईरान के इस्फ़हान स्थित परमाणु केंद्र पर दूसरी बार हवाई हमला किया है। इस हमले में दो प्रमुख सेंट्रीफ्यूज निर्माण इकाइयों को निशाना बनाया गया। इज़राइली सैन्य अधिकारी के अनुसार, यह हमला 13 जून को शुरू हुए संघर्ष के बाद किया गया दूसरा बड़ा हमला था।
एक सैन्य ब्रीफिंग में नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा:
“हमने इस्फ़हान को पहले 24 घंटों में ही निशाना बनाया था, लेकिन अब एक और लहर के तहत हमला किया गया है जिससे हमारी उपलब्धियां और गहरी हुई हैं और वहां के परमाणु ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया है।”
⚙️ सेंट्रीफ्यूज का महत्व:
सेंट्रीफ्यूज का उपयोग यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए किया जाता है – चाहे वो नागरिक परमाणु ऊर्जा उत्पादन हो या सैन्य परमाणु हथियार।
इज़राइली अधिकारी ने बताया कि उन्होंने हाल के दिनों में इस्फ़हान और अन्य स्थानों पर कई सेंट्रीफ्यूज उत्पादन केंद्रों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है।
📍 इस्फ़हान का परमाणु महत्व:
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इस्फ़हान ईरान के केंद्रीय क्षेत्र में स्थित है और यहां यूरेनियम कन्वर्ज़न फैसलिटी मौजूद है, जो कच्चे यूरेनियम को प्रोसेस करती है।
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यहां 2009 में शुरू हुई नाभिकीय ईंधन निर्माण इकाई भी है, जो कम-समृद्ध ईंधन का उत्पादन करती है जिसका उपयोग पावर प्लांट्स में होता है।
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जुलाई 2022 में, ईरान ने इस स्थान पर नया अनुसंधान रिएक्टर बनाने की योजना की घोषणा की थी।
🔥 पहले दिन के हमलों का विवरण:
13 जून को जब इज़राइल ने पहली बार ईरान पर हवाई हमले किए, तब उसने इस्फ़हान में
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धात्विक यूरेनियम निर्माण संयंत्र,
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समृद्ध यूरेनियम को पुनः रूपांतरित करने वाली संरचना,
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प्रयोगशालाएं और अन्य महत्वपूर्ण ढांचे को निशाना बनाया था।
☢️ ईरान की प्रतिक्रिया:
ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने दावा किया कि इस्फ़हान में कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ है और रेडिएशन को लेकर कोई चिंता की आवश्यकता नहीं है।
🏗️ अन्य लक्ष्य:
इज़राइल ने इस्फ़हान के अलावा ईरान के दो प्रमुख भूमिगत परमाणु केंद्रों –
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नतांज़ (Natanz) और
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फोर्दो (Fordo)
को भी निशाना बनाया है।