
गिरिडीह । झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी का स्थापना दिवस मनाने को लेकर तैयारी जोरो पर है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने और संगठन को विस्तार के लिए स्थापना दिवस मनाना चाहिये इसमें कोई विसंगतियां नहीं है लेकिन स्थापना दिवस के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना अनुचित है और उस भ्रष्टाचार में सरकारी पदाधिकारियों एवं सरकारी व्यवस्था का इस्तेमाल करने से सीधे सीधे राज्य की जनता प्रभावित होती है। इस स्थापना दिवस के नाम पर गिरिडीह नगर निगम कार्यालय से 2,01,000 रूपये का चन्दा तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी गावां से 50,000 रूपये का जबरन चन्दा लिया गया है। चन्दा के नाम पर मोटी रकम की उगाही कर रहे जेएमएम कार्यकर्ताओं द्वारा सीधे सीधे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा कुकृत्य किया गया है। उक्त बातें भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव ने कहा।
सरकारी कर्मी या सरकारी विभाग से किये गए इस चन्दा का प्रभाव और बोझ जनता पर ही पड़ेगी। सरकार खुद सरकारी कर्मी को भ्रष्टाचारी बना रही है। जरा सोंचिये, जिस सरकारी कर्मी या विभाग ने इतना मोटा रकम चन्दा के नाम पर दिया है उसे वसूलने के लिए संबंधित पदाधिकारी किसकी जेब काटेगा ? जाहिर है कि 2 लाख या 50 हज़ार चन्दा के बदले मनमाने तरीके से जनता से ही घुस लेगा। बताईये, सरकार के इस कृत्य से नुकसान किसका होगा? उस सरकारी कर्मी का, सरकार का, राज्य की जनता का क्या होगा। गौर करने की बात है कि चन्दा रसीद का ये नमूना केवल गिरिडीह जिला का है और स्थापना दिवस राज्य के 24 जिलों में मनायी जाती है। अगर सभी जिलों में चन्दा लेने का प्रारूप यही है तो स्थिति कितनी भयावह है इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।