ईरान के वरिष्ठतम शिया धर्मगुरुओं में से एक, आयतुल्ला मकारेम शीराज़ी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ एक कड़ा फतवा (धार्मिक आदेश) जारी किया है। उन्होंने दोनों नेताओं को “ईश्वर के दुश्मन” करार देते हुए सभी मुस्लिमों से आह्वान किया कि वे इन “धमकियों” का कड़ा जवाब दें।
ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी मेहर न्यूज के मुताबिक, शीराज़ी के कार्यालय से रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि “कोई भी व्यक्ति या सत्ता जो ईरान के सर्वोच्च नेता या मर्जा (धार्मिक मार्गदर्शक) को धमकाता है, वह खुदा का दुश्मन माना जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “ऐसे दुश्मनों का समर्थन या सहयोग करना हराम (निषिद्ध) है और दुनियाभर के मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे इन दुश्मनों को अपने शब्दों और कृत्यों के लिए पछताने पर मजबूर करें।”
यह फतवा ऐसे समय में आया है जब ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच पर दावा किया कि उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली ख़ामेनेई को “एक शर्मनाक मौत” से बचाया था, और ख़ामेनेई पर इज़राइल के खिलाफ झूठी जीत का दावा करने का आरोप लगाया।
इसके अलावा, इज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि हाल की 12-दिवसीय जंग के दौरान इज़राइल ने ख़ामेनेई को मारने की योजना बनाई थी, लेकिन “ऑपरेशनल अवसर” नहीं मिला।
इस टकराव की शुरुआत 13 जून को इज़राइल द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन राइजिंग लायन से हुई थी, जिसके तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में ईरान ने इज़राइली शहरों और फिर कतर व इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागीं।
12 दिन की इस जंग के बाद ट्रंप ने ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम की घोषणा की, लेकिन दोनों देशों के बीच संक्षिप्त सैन्य झड़पें जारी रहीं।