
अमित सहाय
गिरिडीह । झारखंड के कोडरमा से सटे गिरिडीह के गावां और तिसरी प्रखण्ड में अभ्रक प्रचुर मात्रा में है। अभ्रक से भरे इस क्षेत्र में माइका के खनन पर पूरी तरह रोक के बावजूद इस इलाके में अभी अभ्रक की दो दर्जन से अधिक खदानें संचालित हैं। इनमें से ज्यादातर खदानें वन भूमि पर स्थित हैं। सुरक्षा के अभाव में खदानों में आए दिन हादसे भी हो रहे हैं पर आला अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा है। इन मजदूरों के द्वारा निकाले गए माइका की तस्करी कर माफिया करोड़ों में खेल रहे हैं और यह सब खेल प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है।
ज्यादातर खदानें वन भूमि पर स्थित
वन विभाग के चुप्पी से माईका माफिया का हौसला बुलन्द भी देखे जा रहा है। माइका माफिया खुले आम गावां के नीमाडीह, अमतरो व जमडार आदि पंचायत के दर्जनो गांवों में धड़ल्ले से माइका का अवैध उत्खनन करवा रहे है। गावां थाना क्षेत्र के सुरंगी, नीमाडीह, हरलाघाटी, बेलाखुट्टा, चरकी, बेन्ड्रो, बादीडीह स्थित विभिन्न स्थानों पर जेसीबी मशीन द्वारा पहाड़ का सीना चीर कर बेरोकटोक ब्लॉक माइका की माईनिंग की जा रही है।
छापामारी कर खानापूर्ती कर रहा वन विभाग
सूत्र बताते हैं कि वन विभाग की ओर से छापामारी यह सिर्फ खानापूर्ति है। जंगल में अवैध खनन पर पूर्णतः लगाम लगाने पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।अगर जंगल बचाने के लिए समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई तो तिसरी एवं गांवा प्रखंड में दर्जनों अवैध माइका खदान संचालित होती रहेगी और जाने जाते रहेगे ।

