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भारत को अपने स्वयं के AI मॉडल विकसित करने चाहिए, भारतीय भाषाओं पर देना चाहिए जोर: निरंजन राजाध्यक्ष

भारत को अपने स्वयं के AI मॉडल विकसित करने चाहिए, भारतीय भाषाओं पर देना चाहिए जोर: निरंजन राजाध्यक्ष

मुंबई: तेजी से बदलती आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में भारत अपनी भूमिका को कैसे मजबूत कर सकता है, इस पर अर्थशास्त्री और अरथा ग्लोबल के कार्यकारी निदेशक, निरंजन राजाध्यक्ष ने विशेष चर्चा की। उन्होंने ETV भारत को दिए गए एक साक्षात्कार में बताया कि भारत को अपने स्वयं के AI मॉडल विकसित करने चाहिए और उन्हें भारतीय भाषाओं के डेटा पर प्रशिक्षित करना चाहिए।

AI पर भारत की रणनीति क्या होनी चाहिए?

निरंजन राजाध्यक्ष ने बताया कि AI के तीन प्रमुख पहलू हैं, जिन पर नीति निर्माताओं को ध्यान देने की आवश्यकता है—

  1. भू-राजनीतिक प्रभाव (Geo-strategic implications)
  2. अर्थव्यवस्था पर प्रभाव (Economic impact)
  3. नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा (Privacy protection)

उन्होंने कहा कि भारत को अपने स्वयं के मूलभूत AI मॉडल (Foundational AI Models) विकसित करने या बाहरी LLM मॉडल का उपयोग करने को लेकर विचार करना होगा। हालाँकि, DeepSeek के विकास ने यह दिखाया है कि भारत के लिए अपने स्वदेशी AI मॉडल बनाना संभव हो सकता है।

AI और भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

उन्होंने MIT के प्रोफेसर ओलिवियर ब्लैंचर्ड के उस विचार का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि DeepSeek एक बड़ा उत्पादकता झटका (Total Factor Productivity Shock) ला सकता है। AI यदि एक सामान्य प्रयोजन तकनीक (General Purpose Technology – GPT) के रूप में विकसित होती है, तो यह पूरी अर्थव्यवस्था में उत्पादकता बढ़ा सकती है

भारतीय भाषाओं में AI का विकास क्यों जरूरी?

AI अभी तक भारतीय भाषाओं में पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। चूंकि वर्तमान AI मॉडल मुख्य रूप से अंग्रेजी पर आधारित हैं, इसलिए भारत को अपने AI मॉडल विकसित कर उन्हें भारतीय भाषाओं के डेटा पर प्रशिक्षित करना चाहिए। यह न केवल स्थानीय उपयोगकर्ताओं के लिए AI को अधिक प्रभावी बनाएगा, बल्कि भारत की बहुभाषी संस्कृति को भी संरक्षित करेगा

AI और भारतीय श्रम बाजार

भारत श्रम-प्रधान अर्थव्यवस्था है, जहां हर साल 8-10 मिलियन लोग कार्यबल में प्रवेश करते हैं। AI के कारण कुछ नौकरियाँ खत्म हो सकती हैं, लेकिन नई नौकरियाँ भी उत्पन्न होंगी। उन्होंने बताया कि AI कम कौशल वाले कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ा सकता है, जिससे सभी कर्मचारियों के बीच कौशल अंतर (Skill Gap) कम होगा

भारत में नौकरी सृजन बनाम विस्थापन

AI के कारण भारत में नौकरी सृजन और नौकरियों के विस्थापन (Job Creation vs. Displacement) को लेकर सरकार को सक्रिय नीति बनानी होगी। अगर AI नौकरियों को प्रतिस्थापित करता है, तो सरकार को बेरोजगार हुए लोगों को नए कौशल सिखाने और आय सुरक्षा प्रणाली (Income Protection System) विकसित करने पर ध्यान देना होगा।

निष्कर्ष

निरंजन राजाध्यक्ष के अनुसार, भारत को AI नीति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। भारत को स्वदेशी AI मॉडल विकसित करने, भारतीय भाषाओं में AI को सशक्त बनाने और श्रमिकों के लिए नई संभावनाएँ तलाशने की दिशा में कदम उठाने होंगे।

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