
मैं पिछले 20 सालों से गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रुप में लोगों की सेवा कर रहा हूं, और अपने अनुभव से कह सकता हूं कि डेमोक्रैसी कैन डेलिवर एंड डेमोक्रैसी हैज डेलिवर्ड (Democracy can Deliver, Democracy has Delivered) । भारत ने हमेशाै दुनिया को सत्य और अहिंसा, प्रकृति के साथ विकास का मंत्र दिया है। हमने दुनिया को बुद्ध और गांधी दिया है, कभी आतंकवाद , जंग या हिंसा नहीं दिया। इसलिए अगर दुनिया को टिकाऊ विकास चाहिए तो भारत के दर्शन को अपनाना होगा। भारत को अधिक मौका देना होगा क्योंकि जब भाैरत विकास करेगा तो साथ-साथ पूरी दुनिया विकास करेगी। ये बातें प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम दुनिया को वैक्सीन बनाने के लिए न्योता देने आए हैं। आइए भारत में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मेडिकल इंडस्ट्री का सहभागी बनिए, हमारे साथ मिलकर वैक्सीन बनाइए । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो देश आतंकवाद को विदेश नीति के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें शायद पता नहीं कि इस आग के छींटे उनके दामन पर भी पड़ेंगे, आतंकवाद का राक्षस उनको भी अपनी चपेट में ले लेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने आचार्य चाणक्य के कथन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब सही समय पर सही कार्य किया जाता है तभी वह सही फल देता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पुनर्गठन के निर्णय में विलंब के कारण हाल के दिनों में संयुक्त राष्ट्र पर कई सवाल खड़े हुए हैं। कोविड के दौरान सवाल उठे, अफगानिस्तान संकट के दौरान संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर सवाल खड़े हुए। क्या ये दुनिया के देशों का फर्ज नहीं है कि विश्व संस्था पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया जा सके ?
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे समंदर भी हमारी साझी विरासत है। इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि समंदर की रिसोर्सेज को हम इस्तेमाल करें, गलत इस्तेमाल न करें । हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी है। इन्हें हमें एक्सपैंशन और एक्सक्लूज़न की दौड़ से बचाकर रखना होगा ।