नई दिल्ली: भारत सरकार ने बांग्लादेश को भारतीय सीमा शुल्क स्टेशनों के माध्यम से तीसरे देशों को निर्यात करने की ट्रांजिट सुविधा को समाप्त कर दिया है। यह सुविधा 2020 में शुरू की गई थी, जिससे बांग्लादेश को नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे देशों में अपना माल भेजने में आसानी होती थी।
भारत के कपड़ा निर्यातकों और अन्य व्यापारिक संगठनों ने इस सुविधा के खिलाफ आवाज़ उठाई थी, क्योंकि इससे दिल्ली एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में भीड़, अधिक माल भाड़ा और भारत के निर्यातकों को नुकसान हो रहा था।
मुख्य बिंदु:
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सीबीआईसी (CBIC) ने 8 अप्रैल 2025 को आदेश जारी कर इस सुविधा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
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AEPC (अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) ने कहा था कि हर दिन 20-30 ट्रक बांग्लादेश से दिल्ली आते हैं, जिससे भारतीय माल की हैंडलिंग में देरी होती है।
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इससे एयर फ्रेट रेट्स बढ़ते हैं और भारतीय वस्त्र निर्यात प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाता है।
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FIEO के डायरेक्टर जनरल अजय सहाई के अनुसार, अब भारतीय निर्यातकों को ज्यादा एयर स्पेस मिलेगा।
रणनीतिक कारण भी:
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, यह निर्णय बांग्लादेश के चाइना की मदद से ‘चिकन नेक’ क्षेत्र में रणनीतिक आधार बनाने की योजना के चलते भी लिया गया हो सकता है।
उन्होंने कहा:
“इससे बांग्लादेश को भारी लॉजिस्टिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। नेपाल और भूटान जैसे देशों के साथ उसका व्यापार भी प्रभावित होगा।”
हालांकि भारत ने अब तक बांग्लादेश को एकतरफा ज़ीरो टैरिफ (शून्य शुल्क) के ज़रिए व्यापार में सहयोग दिया है, लेकिन हाल की अंतरिम सरकार की नाकामी और अल्पसंख्यकों पर हमलों के कारण भारत-बांग्लादेश संबंधों में खटास आई है।
वर्तमान व्यापार पर प्रभाव:
2023-24 में भारत-बांग्लादेश व्यापार 12.9 बिलियन डॉलर रहा। अब इस निर्णय से बांग्लादेश की तीसरे देशों को होने वाली निर्यात क्षमता को झटका लग सकता है, जबकि भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है।