नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तानी विमानों पर हवाई क्षेत्र के प्रतिबंध को एक और महीने के लिए 23 जून 2025 तक बढ़ा दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि भारत का हवाई क्षेत्र पाकिस्तान में पंजीकृत किसी भी विमान, एयरलाइन या सैन्य उड़ानों के लिए बंद रहेगा।
पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर रखा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व राजदूत दीपक वोहरा ने कहा, “पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) खुद गंभीर आर्थिक संकट में है। उनके पास पैसा नहीं है, पायलटों की डिग्रियों में घोटाले हुए हैं, और कई क्रू मेंबर ड्यूटी छोड़कर भाग जाते हैं।“
उन्होंने कहा कि, “PIA के पास मुश्किल से 3 या 4 विमान हैं जो मुख्यतः दुबई और सऊदी अरब के लिए उड़ते हैं, और वे भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं करते। भारत के लिए, इसका प्रभाव अधिक है क्योंकि हमारी एविएशन इंडस्ट्री तेज़ी से बढ़ रही है और नई उड़ानों की मांग भी बढ़ रही है।“
✈️ भारतीय उड़ानों पर असर:
पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को बंद करने के कारण उत्तर भारत के हवाई अड्डों से उड़ने वाली 800+ उड़ानों के मार्ग में बदलाव करना पड़ा है। इसमें दिल्ली, अमृतसर, जयपुर और लखनऊ से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल हैं।
इंडिगो, एयर इंडिया, अकासा एयर और स्पाइसजेट को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचते हुए नए रास्तों से उड़ानें संचालित करनी पड़ रही हैं। इंडिगो को अल्माटी और ताशकंद के लिए उड़ानें स्थगित करनी पड़ी हैं।
🌐 एकतरफा असर और कूटनीतिक विवाद:
भारत ने 30 अप्रैल को पाकिस्तानी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था। PIA हफ्ते में सिर्फ 6 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करता है जो कभी-कभी भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरती थीं।
दीपक वोहरा ने यह भी बताया कि एक आपात स्थिति में पाकिस्तान ने एक भारतीय विमान को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी, जो कि मानवीय मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध है। यदि उस समय कोई दुर्घटना हो जाती, तो यह पूरी तरह से पाकिस्तान की ज़िम्मेदारी होती।
पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने कहा कि, “दोनों देश ICAO (अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) के सदस्य हैं, लेकिन पाकिस्तान ने स्वीकृत प्रथाओं का उल्लंघन किया है। संकट के समय उड़ानों को मार्ग बदलने देना एक मान्य अंतरराष्ट्रीय परंपरा है।“