संयुक्त राष्ट्र: भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान के “दोहरे रवैये” पर तीखा प्रहार किया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवथनेनी हरीश ने कहा कि जो देश आतंकवादियों और नागरिकों में फर्क नहीं करता, उसे नागरिकों की सुरक्षा पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
हरीश ने कहा,
“भारत ने दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है।“
उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों से लेकर अप्रैल 2025 के पहलगाम में हुए पर्यटकों की निर्मम हत्या तक का उल्लेख किया।
⚔️ पाकिस्तान की सेना पर आरोप
हरीश ने UNSC को बताया कि:
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इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा गांवों पर जानबूझकर गोलाबारी की, जिसमें 20 से अधिक नागरिक मारे गए और 80 से अधिक घायल हुए।
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पूजा स्थलों और चिकित्सा केंद्रों को भी निशाना बनाया गया।
“ऐसी घटनाओं के बाद भी पाकिस्तान का UNSC में नागरिक सुरक्षा पर भाषण देना, एक गहरा ढोंग है।” — परवथनेनी हरीश
🕊️ आतंकवाद की आड़ में नागरिकों का दुरुपयोग
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान ने बार-बार नागरिकों की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा दिया है।
“हाल ही में पाकिस्तानी अधिकारियों ने मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में भाग लिया।“
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी समूहों ने नई तकनीकों की मदद से अपनी ताकत बढ़ाई है, जिससे नागरिकों को बड़ा खतरा है।
🛑 भारत की वैश्विक समुदाय से अपील
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UN-नामित आतंकवादियों की रक्षा नहीं होनी चाहिए।
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संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का सख्ती से पालन हो।
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नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं पर हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं।
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किसी भी सैन्य हस्तक्षेप को प्रमाणिक और संतुलित होना चाहिए।
हरीश ने यह भी कहा:
“मानवता, निष्पक्षता, स्वतंत्रता और तटस्थता जैसे मूल सिद्धांत सभी मानवीय संगठनों के संचालन का आधार बने रहने चाहिए।“