नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारत के रूस से तेल आयात को लेकर लगाए गए नए टैरिफ के बीच, भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि भारत की नीतियां उसके बाजार की स्थिति, ऊर्जा सुरक्षा और 140 करोड़ भारतीयों के राष्ट्रीय हित के आधार पर तय होती हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम पहले ही इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। भारत के तेल आयात पूरी तरह से बाज़ार आधारित हैं और देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की व्यापक सोच के तहत किए जाते हैं।”
मंत्रालय ने अमेरिका की कार्रवाई को अनुचित, अन्यायपूर्ण और अकारण बताया। “हम दोहराते हैं कि ये कार्रवाइयां न केवल अनुचित हैं, बल्कि भारत के साथ असंगत भी हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर कर भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ट्रम्प ने भारत के रूसी तेल के आयात को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए “असाधारण खतरा” बताया है।
अब भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले सामानों पर कुल 50% शुल्क लगाया जाएगा। यह नई दरें 7 अगस्त से लागू होंगी, जबकि अतिरिक्त टैरिफ 21 दिनों के बाद प्रभावी होंगे। हालांकि, जो सामान पहले ही ट्रांजिट में हैं या विशिष्ट छूट के दायरे में आते हैं, उन्हें इससे राहत मिलेगी।

 
                                    
