नई दिल्ली: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को हर साल लगभग 34 अरब डॉलर तक बढ़ावा देगा। इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता भारतीय वस्तुओं को 99% तक टैरिफ-मुक्त पहुंच प्रदान करेगा और यूके की कंपनियों के लिए व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों का भारत में निर्यात आसान बनाएगा। तीन साल की लंबी वार्ता के बाद यह समझौता तैयार हुआ है।
CETA (Comprehensive Economic and Trade Agreement) नामक यह समझौता भारतीय श्रमिक-प्रधान क्षेत्रों जैसे कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, खिलौने, आभूषण और खेल सामग्रियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में नई मजबूती देगा। साथ ही, इंजीनियरिंग सामान, ऑटो कंपोनेंट्स और ऑर्गेनिक केमिकल जैसे उभरते क्षेत्रों को भी फायदा होगा।
इसके अलावा, इस समझौते के तहत भारतीय पेशेवरों जैसे आर्किटेक्ट, इंजीनियर, शेफ, योग प्रशिक्षक और संगीतकारों के लिए वीजा प्रक्रियाएं सरल होंगी और यूके में प्रवेश के लिए अधिक उदार श्रेणियां लागू होंगी।
ब्रिटिश कंपनियों को भारत में 15% औसत टैरिफ से घटाकर केवल 3% तक की छूट मिलेगी, जिससे ब्रिटिश उत्पादों की कीमत भारतीय उपभोक्ताओं के लिए कम हो जाएगी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे “ब्रिटेन के लिए ऐतिहासिक व्यापारिक जीत” बताया, वहीं भारतीय उद्योगपति सुनील भारती मित्तल ने कहा कि यह समझौता “नवाचार, निवेश और द्विपक्षीय सहयोग” को बढ़ावा देगा।
भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 55 अरब डॉलर पार कर गया। ब्रिटेन भारत में $36 अरब डॉलर का छठा सबसे बड़ा निवेशक है, जबकि भारत का यूके में निवेश $20 अरब डॉलर के करीब है। लगभग 1,000 भारतीय कंपनियां यूके में कार्यरत हैं, जो 1 लाख लोगों को रोजगार देती हैं।
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी की ब्रिटेन के राजा चार्ल्स III से भी मुलाकात होगी। इसके बाद वे मालदीव की यात्रा पर जाएंगे, जिसे भारत-मालदीव संबंधों में सुधार की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।