प्रो सुभाषचंद्र मिश्रा की पुस्तक ‘कोयल की धारा’ का लोकार्पण
मेदिनीनगर (उज्ज्वल दुनिया)। पलामू के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सुभाषचंद्र मिश्रा की पुस्तक ‘कोयल की धारा’ का लोकार्पण जेएमपी कॉम्प्लेक्स में झारखंड के प्रथम विधान सभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, पूर्व मंत्री के. एन. त्रिपाठी, प्रथम मेयर अरुणा शंकर और प्रो. के.के. मिश्रा ने किया। समारोह की अध्यक्षता प्रो. दयाशंकर श्रीवास्तव व संचालन शिक्षक परशुराम तिवारी ने किया।
श्री नामधारी ने कहा कि कोयल नदी पलामू का श्रृंगार है। सुभाष जी मेरे छोटे भाई की तरह हैं। इन्होंने अपनी पुस्तक में प्रकृति के सौंदर्य के साथ-साथ इससे जुड़ी समस्याओं को भी दिखाया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि रचनाकार ने साहित्य के माध्यम से उन सभी विषयों को उठाया है जिसके लिए पर्यावरणविद संघर्ष करते रहे हैं। साहित्य समाज का दर्पण होता है और इसे इस पुस्तक ने चरितार्थ किया है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि कोयल की धारा देख-देख कर हम बड़े हुए हैं। पलामूवासियों के लिए इसकी पवित्रता गंगा और नर्मदा से कतई कम नहीं है। पुस्तक में कोयल को बांधने की इच्छा जताई गई है। हम कोयल को जगह-जगह बांधकर पलामू की प्यास बुझाएँगे। अरुणा शंकर ने कहा कि ‘कोयल की धारा’ पढ़कर हम सबों को इसे पवित्र और स्वच्छ रखने की शिक्षा मिलेगी। के.के. मिश्रा ने कहा कि ‘कोयल की धारा’ एक यात्रा वृतांत नहीं बल्कि एक जीवन दर्शन है जिसे ध्यान से समझने की आवश्यकता है। जीवन का प्रारंभ और विकास नदी की ही भाँति होता है।
लोकार्पण समारोह में कवि राकेश कुमार, साहित्यानुरागी आलोक तुलस्यान, कलाकार प्रेम भसीन, कवि हरिवंश प्रभात, समाजसेवी अविनाश देव, अभय तिवारी, अमित तिवारी, प्रियरंजन पाठक, पंकज श्रीवास्तव, अनुपमा तिवारी, शालिनी श्रीवास्तव ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में कवि राम प्रवेश पंडित ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। वरिष्ठ पत्रकार प्रभात सुमन ने स्वागत उद्बोधन किया एवं शुभ्रा मिश्रा मानसी ने ‘कोयल की धारा’ गीत की प्रस्तुति की।
पुस्तक के लेखक प्रो. सुभाषचंद्र मिश्रा ने कहा कि साहित्य में एक पंक्ति लिखकर अमरत्व प्राप्त किया जा सकता है। साहित्य की भाषा सरल होती है परंतु उसके अर्थ सरल नहीं होते। कार्यक्रम में बसंती मिश्रा, रागिनी मिश्रा, अलका मिश्रा, प्रियंका मिश्रा, अशोक मिश्रा, संतोष मिश्रा, शैलेन्द्र पाठक, सतीश पाठक, अभय तिवारी, अनुज कुमार पाठक, अजय मिश्रा, रमेश सिंह, रमेश पांडेय, उमेश कुमार पाठक, रेणु, रमेश पाठक, सुमन मिश्रा, विमल कुमार, रीना प्रेम दुबे, दिनेश कुमार शुक्ला, रविशंकर पांडेय, देवेंद्र पाठक, अजीत पाठक आदि उपस्थित थे।