देश की सबसे प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में बिहार-झारखण्ड एक तरफ तो पूरा देश दूसरी तरफ नजर आता है। उसमें भी अगर तमिलनाडु-केरल-यूपी को छोड़ दें तो लगता है कि इन्हीं पांच राज्यों का आइएएस पर एकाधिकार है। बाकि राज्यों से इक्का-दुक्का विद्यार्थी ही सिविल सेवा की परीक्षा पास कर पाते हैं। ऐसा क्यो ?
बिहार में सिविल सेवा का जबर्दस्त क्रेज है। UPSC के टॉप 10 में से 3 अभ्यर्थी बिहार से ही हैं, और बाकी दो धनबाद के। कटिहार के शुभम कुमार को पहला स्थान मिला। खासबात ये है कि टॉप 10 में शामिल सभी बिहारी मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं।
कटिहार के रहनेवाले UPSC टॉपर शुभम कुमार

यूपीएससी में टॉप करने वाले शुभम कुमार की इच्छा है कि उन्हें बिहार कैडर ही दिया जाए। शुभम ने बताया कि वह चाहते हैं कि वो बिहार में रहकर विकास के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बिहार कैडर नहीं दिया जाता है तो वे मध्य प्रदेश में काम करना पसंद करेंगे। शुभम के पिता देवानंद सिंह ने बताया कि वो शुरू से ही काफी टैलेंटेड था। पढ़ाई के प्रति लगन देखकर उन्होंने हर संभव प्रयास किया कि कोई कमी न रहे। IAS की परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप करने वाले शुभम फिलहाल इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में ट्रेनिंग कर रहे हैं। पूर्णिया से शुरुआती पढ़ाई करने वाले UPSC टॉपर शुभम कुमार ने बोकारो से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद बॉम्बे आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की है। शुभम के पिता बैंक कैशियर की नौकरी करते हैं।
धनबाद के यश जालूका को मिला 4th रैंक

झरिया के यश जालूका ने डी-नोबिली स्कूल, डिगवाडीह से पढ़ाई की है । झरिया के पोद्दारपाड़ा निवासी महावीर जालूका के भतीजे व मनोज जालूका के सुपुत्र हैं यश जालूका । यश के पिता मनोज जालूका लोहा व्यवसायी हैं । बड़े भाई अंकुर झरिया के लक्ष्मीणियां मोड़ में राशन की दुकान चलाते हैं । यश ने डी-नोबिली, डिगवाडीह से 8वीं पास किये । वहीं, जेवियर्स स्कूल 10वीं पास किये । 12वीं की पढाई बोकारो में करने के बाद वे दिल्ली चले गये । दिल्ली से बीकॉम और मास्टर डिग्री की पढ़ाई किये । इसी बीच UPSC की तैयारी में जुट गये ।
जमुई के प्रवीण कुमार को मिला 7वां स्थान

जमुई के रहनेवाले प्रवीण कुमार ने यूपीएससी परीक्षा में सातवां स्थान हासिल किया है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है। प्रवीण ने 2017 में आईआईटी कानपुर से बीटेक किया था। उसके बाद इंजीनियरिंग सर्विस की तैयारी की और 2019 में तीसरी रैंक हासिल की। फिर एक साल का गैप सिविल सर्विस एग्जाम के लिए लिया था। प्रवीण ने कहा कि उन्होंने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं किया। हालांकि, कई कोचिंग संस्थान के नोट्स लिए थे, लेकिन पढ़ाई खुद से की।
डॉ अपाला मिश्रा को 9वीं रैंक

धनबाद की बेटी डॉ अपाला मिश्रा ने शुक्रवार को जारी यूपीएससी 2021 के परीक्षा परिणाम में देशभर में 9वां स्थान प्राप्त किया है. डॉ अपाला का परिवार हाउंसिंग कॉलोनी में HIG-7 में रहता है. अभी वह उनके पिता रिटायर कर्णल अमिताभ मिश्रा और मां डॉ अल्पना मिश्रा के साथ नोएडा में रहती है. वह खुद सेना में डेनटिस्ट हैं. डॉ अपाला की 10वीं तक की स्कूली पढ़ाई देहरादून के एन मैरी स्कूल से हुई है. इसके बाद उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, रोहिनी से की है. इसके बाद उन्होंने डेनटिस्ट की पढ़ाई आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस हैदराबाद से डेनटिस्ट (बीडीएस) की पढ़ाई की है.
समस्तीपुर के सत्यम गांधी को 10वां रैक मिला

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) के सिविल सेवा 2020 के रिजल्ट में समस्तीपुर के सत्यम कुमार गांधी ने ऑल इंडिया में 10वां रैंक हासिल किया। परिणाम के बारे में खबर सुनते ही उनके पैतृक गांव पूसा के दिघड़ा में जश्न का माहौल है। सत्यम को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। सत्यम गांधी ने राजनीतिक शास्त्र विषय से ग्रेजुएशन किया है। सत्यम के पिता अखिलेश कुमार डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में वरीय तकनीकी सहायक हैं। माता मंजू कुमारी गृहिणी हैं। सत्यम ने पूसा केंद्रीय विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से की। सत्यम ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है।