सेंट जीवियर्स संस्थान तमाड़ के रड़गांव में 15 एकड़ जमीन पर भवन और बाउंड्री का निर्माण करवा रहा था। इस 15 एकड़ जमीन से में 9 एकड़ जमीन पर अफसर आलम उर्फ लंगड़ा अपना दावा जता रहा था। संत जेवियर्स संस्थान के लीगल एडवाइजर होने के नाते अधिवक्ता मनोज झा ही इस पूरे मामले को देख रहे थे। तमाड़ के रड़गांव में उसी जमीन की बाउंड्री का काम देखने मनोज झा पहुंचे थे। मनोज झा जैसे ही कार से उतरे उनपर बाइक सवार अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की । मनोज झा को सात गोलियां लगी और उन्होने मौके पर ही दम तोड़ दिया। बैंगलुरु के एक होटल से गिरफ्तार लंगड़ा ने ये खुलासा किया है।
लंगड़ा की निशानदेही पर रांची में कई जगह छापेमारी
वकील मनाेज कुमार झा की हत्या के मुख्य आराेपी अफसर आलम उर्फ लंगड़ा काे पुलिस ने शनिवार काे बेंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया। वह वहां एक हाेटल में छिपकर रह रहा था। पुलिस टीम उसे लेकर रविवार काे रांची आ गई है। गुप्त स्थान पर रखकर उससे पूछताछ कर रही है, ताकि अन्य आराेपियाें की भी गिरफ्तारी की जा सके। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने रांची में भी छापेमारी शुरू कर दी है।
ईलाके के लोगों से लंगड़ा कहता था कि पुलिस अपनी है, सबको मैनेज कर रखा है
दरअसल आपराधिक प्रवृति का लंगड़ा पुलिस का भेदिया है। वह नक्सलियों और अपराधियों के मूवमेंट की सूचना पुलिस तक पहुंचाता था । इस कारण तमाड़ में काेई भी उसके खिलाफ शिकायत नहीं करता था। पिछले साल नेशनल हाइवे के समीप लंगड़ा की शह पर एक व्यक्ति दूसरे की जमीन पर घर बना रहा था। मापी के दाैरान जब तत्कालीन सीओ कमल किशाेर ने आपत्ति की ताे लंगड़ा ने उनके साथ धक्का-मुक्की भी की थी। इस मामले में वह जेल भी गया था। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद वह फिर अपना राैब झाड़ने लगा था। सूत्र यह भी बताते हैं कि पुलिस के कुछ अफसरों को जमीन दिलाने के नाम पर उसने अपने साथ मिला रखा था।